Book Title: Siddhhem Balavbodhini Part 02
Author(s): Mahimaprabhsuri
Publisher: Mahimaprabhvijay Gyanmandir Trust

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Page 642
________________ શ્રી સિદ્ધહેમચન્દ્રશબ્દાનુશાસનસૂત્રાકારાદ્યનુક્રમણિકા [ ૬૨૭ सूत्रम् । सूत्राङ्क । साधौ ॥ ५-१-१५५ ॥ सामीप्येऽधो० ॥ ७-४-७९ ॥ सायंचिरप्रा० ॥ ६-३-८८ ॥ सायाह्मादयः ।। ३-१-५३ ॥ सारवैक्ष्वा० ॥ ७-४-३० ॥ साल्वानों ॥ ६-३-५४ ॥ साल्वांशप्रत्य० ॥ ६-१-११० ॥ सास्य पौणमासी ॥ ६-२-९८ ॥ साहिसातवे० ॥ ५-१-५९ ॥ सिकताशर्करात् ॥ ७-२-३५॥ सिचि परस्मै० ॥ ४-३-४४ ॥ सिचोऽञ्जेः ॥ ४-४-८४ ॥ सिचो यङि ॥ २-३-६० ॥ सिजद्यतन्याम् ॥ ३-४-५३ ॥ सिजाशिवा० ॥ ४-३-३५ ॥ सिविदोऽभुवः ॥४-२-९२॥ सिद्धिः - त् ॥ १-१-२॥ सिद्धौ तृतीया ॥ २-२-४३ ॥ सिध्मादि-ग्भ्यः ॥ ७-२-२१ ॥ सिध्यतेरज्ञाने || ४ २-११ ॥ सिन्ध्वपक० ॥ ६-३-१०१ ॥ सिन्ध्वादेरञ् ॥ ६-३-२१६ ॥ सिहाद्यै० ॥ ३-१-८९ ॥ सीतया संगते ॥ ७-१-२७ ॥ सुः पूजायाम् ॥ ३-१-४४॥ सूत्रम् सूत्राङ्क । सर्वपूर्वाल्लुप् ॥ ६-२-१२७।। सस्तः सि ।। ४-३-९२ ।। सस्नौ प्रशस्ते ॥ ७-२-१७२ ॥ सस्मे ह्यस्तनी च ॥५-४-४०॥ सस्य शषों ॥ १-३-६१ ॥ सस्याद्गुणात्० ॥७-१-१७८॥ सस्त्रिचक्रदधि० ॥५- २-३९॥ सहराजभ्यां० ॥ ५-१-१६७॥ सहलुमेच्छ० ॥ ४-४-४६ ॥ | सहसमः० ॥ ३-२-१२३ ॥ सहस्तेन ॥ ३-१-२४ ॥ · सहस्रशत० ॥ ६-४-१३६ ॥ सहस्य सो० ॥ ३-२-१४३ ॥ सहात्तुल्ययोगे ॥ ७-३-१७८ ॥ सहायाद्वा ॥ ७-१-६२ ॥ सहार्थे ॥ २-२-४५ ॥ सहिवहे० ॥ १-३-४३ ॥ साक्षादादि० ॥ ३-१-१४ ॥ साक्षाद्दृष्टा ॥ ७-१-१९७॥ सातिहेतियूति ॥ ५-३-९४ ॥ सादेः ॥ २-४-४९ ॥ साश्वादः ॥ ७-१-२५ ।। साधकतमं० ॥ २-२-२४ ॥ साधुना ॥ २-२-१०२ ॥ साधुपुष्यत्० ॥ ६-३-११७ ।।

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