Book Title: Siddhhem Balavbodhini Part 02
Author(s): Mahimaprabhsuri
Publisher: Mahimaprabhvijay Gyanmandir Trust

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Page 627
________________ ૬૧૨ ] સિદ્ધહેમ બાલાવબેધિની सूत्रम्। सूत्राङ्क। । सूत्रम्। सूत्राङ्क । रथात्सादेश्व० ॥ ६-३-१७५ ॥ | रिः शक्याशीर्य ॥४-३-११०॥ रदादमूर्छ० ॥ ४-२-६९ ॥ रिति ॥ ३-२-५८ ॥ रध इटि तु० ॥४-४-१०१॥ | रिरिष्टात् ॥ २-२-८२ ॥ रभलभशक० ॥४-१-२१ ॥ रिरौ चलपि ॥४-१-५६ ।। रभऽपरोक्षा० ॥४-४-१०२ ॥ रुचि कृप्य० ॥ २-२-५५५ ॥ रम्यादिभ्यः० ॥ ५-३-१२६ ॥ रुच्याऽव्यथ्य० ॥ ५-१-६॥ रणवर्णान्नो० ॥२-३-६३ ॥ रहस्यमय० ॥ ७-४-८३ ॥ रुत्पञ्चका० ॥ ४-४-८८ ॥ रगाट्टो रक्ते ॥ ६-२-१ ॥ रुदविदमुच० ॥ ४-३-३२ ॥ राजघः ॥५-१-८८ ॥ रुधः ॥३-४-८९ ॥ राजदन्तादिषु ॥३-१-१४९ ॥ रुधां स्वरात्० ॥ ३-४-८२ ।। राजन्यादिभ्यो० ॥६-२-६६॥ रुहः पः ॥४-२-१४ ॥ राजन्वान् सुराशि ॥२-१-९८॥ रूढावन्तः० ॥ ६-३-१४० ॥ राजन्सखेः ॥ ७-३-१०६॥ रूपात्प्रशस्ता० ॥ ७-२-५४ ॥ रात्रीवसो० ॥ ५-२-६॥ रूप्योत्तरपदा० ॥ ६-३-२२ ॥ राव्यहःसं० ॥ ६-४-११० ॥ रेवतरोहिणारे ॥२-४-२६॥ रात्सः ॥२-१-९० ॥ रेवत्यादेरिकण ॥ ६-१-८६ ॥ रादेफः ॥ ७-२-१५७ ॥ रैवतिकादेरीयः ॥६-३-१७० ॥ राधेवंधे ॥४-१-२२ ॥ रोः काम्ये ॥ २-३-७॥ राल्लुक् ॥ ४-१-११० ॥ रोगात्प्रतीकारे ॥ ७-२-८२॥ राष्ट्रक्षत्रियात् ॥३-१-११४॥ रोपान्त्यात् ॥ ६-३-४२ ॥ राष्ट्राख्याद्० ॥ ७-३-१०७ ।। रोमन्थाद० ॥ ३-४-३२ ॥ राष्ट्रादियः ॥ ६-३-३॥ रोरुषसर्गात् ॥५-३-२२ ॥ राष्ट्रेऽनङ्गादिभ्यः ॥६-२-६॥ | रोरेलुग० ॥ १-३-४१ ॥ राष्ट्रेभ्यः ॥ ६-३-४४ ॥ | रोयः ॥ १-३-२६ ॥

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