Book Title: Siddhhem Balavbodhini Part 02
Author(s): Mahimaprabhsuri
Publisher: Mahimaprabhvijay Gyanmandir Trust
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१०० ] सिम - मादायोधिनी
सूत्रम्। सूत्राङ्क। सूत्रम्। सूत्राङ्क। परिमाणा-ल्यात् ॥२-४-२३॥ | पर्यपात्स्खदः ॥ ४-२-२७ ॥ परिमाणार्थ-चः ॥५-१-१०९॥ पर्यपाभ्यां वज्य ॥२-२-७१॥ परिमुखादे० ॥ ६-३-१३६ ॥ पर्यभेः सौभये ॥७-२-८३॥ परिमुहायमा० ॥ ३-३-९४ ॥ पर्यायाहणो० ॥ ५-३-१२० ॥ परिव्यवास्क्रियः ॥३-३-२७॥ | पर्वतात् ॥ ६-३-६० ॥ परेः ॥ २-२-५२ ॥
पश्र्वाइवण ॥६-२-२०॥ परेः क्रमे ॥ ५-३-७६ ॥
पर्धादेरण ॥ ७-३-६६ ॥ परेः सूचरेयः ॥५-३-१०२॥ पर्षदो ण्यः ॥६-४-४७ ॥ परेघः ॥५-३-४०॥
पर्षदो ण्यणौ ॥ ७-९-१८ ॥ परेर्घाङ्कयोगे ॥ २-३-१०३ ॥ | पशुभ्यः -ष्ठः ॥ ७-१-१३३ ।। परेदे विमुहश्च ॥ ५-२-६५ ॥ पशुव्यञ्जनानाम् ॥३-१-१३२॥ परेधुते ॥ ५-३-६३ ॥ पश्चात्यनुपदात् ॥ ६-४-४१॥ परेर्मुखपाश्र्थात् ॥ ६-४-२९ ॥ पश्चादाद्यन्तौ० ॥६-३-७५ ॥ परेमृषश्च ॥ ३-३-१०४ ॥ . पश्चोऽपरस्य० ॥ ७-२-१२४॥ परे बा ॥ ५-४-८॥ पश्यद्वाद्०ि ॥ ३-२-२२ ॥ परोक्षा-महे ॥ ३-३-१२ ॥ पाककर्णवर्ण०॥२-४-५५ ॥ परोक्षायां नवा ॥४-४-१८॥ पाठे धात्वादेो नः॥२-३-९७॥ परोक्षे ॥ ५-२-१२ ॥ | पाणिकरात् ॥ ५ १-१२१ ॥ परोपात् ॥ ३-३-४९ ॥
पाणिगृहीतीति ॥ २-४-५२ ॥ परोवरीण-णम् ॥ ७-१-९९ ॥ पाणिघताडघो० ॥५-१-८९॥ पर्णकणात् ॥ ६-३-६२ ॥ पाणिसमवा० ॥ ५-१-१८ ॥ पदे रिकट ॥ ६-४-१२ ॥ पाण्टाहति० ॥६-१-१०४॥ पर्यधेर्वा ॥ ५-३-११३ ॥ पाण्डुकम्बलादिन् ॥६-२१३२॥ पर्यनोग्रामात् ॥ ६-३-१३८ ॥ ।
पाण्डोड्यण ॥ ६-१-११९ ॥ पर्यपाड-म्या ॥ ३-१-३२॥ | पातेः ॥ ४-२-१७ ॥
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