Book Title: Siddhhem Balavbodhini Part 02
Author(s): Mahimaprabhsuri
Publisher: Mahimaprabhvijay Gyanmandir Trust

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Page 609
________________ પ૯૪ ] સિદ્ધહેમ - બાલાવબોધિની सूत्रम् । सूत्राङ्क। सूत्रम् । . सूत्राङ्क। नसुदुर्व्यः० ॥ ७-३-१३६ ॥ | नन्द्यादिभ्योऽनः ॥५-१-५२॥ नसुव्युप० ॥ ७-३-१३१ ॥ नन्वोर्वा ॥ ५-२-१८ ॥ नटान्नृत्ते ज्यः ॥६-३-१६५॥ नपुंशकस्य शिः ॥ १-४-५५॥ नडकुमुद० ।। ६-२-७४ ॥ नपुंसकादा ॥ ७-३-८९ ॥ नडशादादलः ॥ ६-२-७५ ॥ न पुंवन्निषेधे ॥ ३-२-७१ ॥ . नडादिभ्य० ॥ ६-१-५३ ॥ न प्राग्जितीय० ॥६-१-१३५॥ नडादेः कीयः ॥ ६-२-९२ ॥ न प्रादिरप्रत्ययः ॥ ३-३-४ ॥ न डीशी0 ॥ ४-३-२७ ।। न बदनं संयोगादिः ॥४-१-५॥ न णिज्यसूद० ॥ ५-२-४५ ॥ नमस्परसो० ॥ २-३-१ ॥ न तमबादिः०। ७-३-१३ ॥ नमोवरिवश्चित्र० ॥३-४-३७॥ न तिकि दीर्धश्च ॥४-२-५९॥ न यि तद्धिते ॥ २-१-६५ ॥ न दधिपयआदिः ॥३-१-१४५॥ | न राजन्य-के ॥ २-४-९४ ॥ न दिस्योः ॥ ४-३-६१ ॥ न राजाचाय-ष्णः ॥७-१-३६॥ नदीदेशपुरो० ॥ ३-१-१४२॥ न रात्स्व रे ॥ १-३-३७ ॥ नदीभिनाम्नि ॥३-१-२७ ॥ . नारिका मामिका ॥२-४-११२॥ नद्यादरेयण ॥ ६-३-२॥ नरे ॥ ३-२-८० । नद्यां मतुः ॥६-२-७२ ॥ न वञ्चेर्गतौ ॥ ४-१-११३ ॥ न द्वित्वे ॥ ७-२-१४७ ॥ नवभ्यः -वा ॥ १-४-१६ ॥ न द्विरद्रवय० ॥ ६-२-६१ ॥ न वमन्तसंयोगात् ॥२-१-११॥ न द्विस्वरा० ॥ ६-३-२९ ॥ नवयज्ञादयो० ॥ ६-४-७३ ॥ न नाङिदेत् ॥ १-४-२७ ॥ न वयो य् ॥ ४-१-७३ ॥ न नाम्नि ॥ ७-३-१७६ ॥ नवा क्वणयम० ॥ ५-३-४८ ॥ न नाम्येक० ॥ ३-२-९ ॥ नवाणः ॥ ६-४:१४२ ॥ न नृपूजार्थ० ॥ ७-१-१०९ ॥ नवादीन-स्य ।। ७-२-१६० ॥ ननौ पृष्टोक्तौ० ॥५-२-१७॥ | नवाद्यानि शतृ० ।३-३-१९॥

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