Book Title: Siddhhem Balavbodhini Part 02
Author(s): Mahimaprabhsuri
Publisher: Mahimaprabhvijay Gyanmandir Trust

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Page 607
________________ પર ] સિદ્ધહેમ – બાલાવબોધિની सूत्रम् । सूत्राङ्क। । सूत्रम्।. सूत्राङ्क । द्वितीयया ॥ ५-४-७८ ॥ द्विस्वरब्रह्म-देः॥६-४-१५५ ॥ द्वितीया खट्वा० ॥३-१-५९॥ । द्विस्वरादणः ॥ ६-१-१०९ ॥ द्वितीयग्त्स्व रा० ॥ ७-३-४१॥ द्विस्वरादनद्याः ॥६-१-७१॥ द्वितीयायाः कामयः॥३-४-२३॥ दिहेतो-चा ॥२-२-८७ ॥ द्वितीयाषष्ठ्या० ॥२-२-११७॥ द्विपादनुसमुद्रं ण्यः ॥६-३-६८|| द्वित्रिचतुरः सुच् ॥७-२-११०॥ द्वेस्तीयः ॥ ७-१-१६९ ॥ द्वित्रिचतुष्पू० ॥ ३-१-५६ ॥ द्वयन्तरनव० ॥३-२-१०९ ॥ द्वित्रिबहो) ॥ ६-४-१४४ ॥ यादेगुणान् ॥ ७-१-१५१ ॥ द्वित्रिभ्यामयट वा॥७-१-१५२॥ द्वयुक्तलक्षपञ्चतः ॥४-२-९३॥ द्वित्रिस्वरो० ॥ २-३-६७ ॥ द्वयुक्तौपान्त्यस्य० ॥४-३-१४॥ द्वित्ररायुषः ॥ ७-३-१०० ॥ द्वयकेषु-वा,॥ ६-१-१३४ ॥ द्विधमाधौ वा ॥७-२-१०७॥ दुषसूत-स्य ॥ २-४-१०९ ॥ द्वित्रेमूनों वा ॥ ७-३-२७ ॥ धनगणलब्धरि ॥ ७-१-९॥ द्विव्यष्टानां हो ॥३-२-९२ ॥ धनहिरण्ये कामे ॥७-२-२७९॥ द्विध्यादेर्याण वा॥६-४-१४७॥ धनादेः पत्युः ॥ ६-१-१४ ॥ द्वित्वे गोयुगः ॥ ७-१-१३४ ॥ धनुर्दण्डत्सरु0 ॥५-१-९२ ॥ द्वित्वेऽधो० ॥ २-२-३४ ॥ धनुषो धन्वन् ।। ७-३-१५८॥ द्वित्वेऽप्यन्ते० ॥ २-३-८१॥ धर्मशील-त् ॥ ७-२-६५ ॥ द्वित्वे घाम्नौ ॥ २-१-२२ ॥ धर्माधर्माचरति ॥ ६-४-४९॥ द्वित्वे ह्वः॥४-१-८७ ॥ धर्मार्थादिषु ॥३-१-१५९ ॥ द्विदण्ड्यादिः ॥ ७-३-७५ ॥ धवाद्योगा-त् ॥ २-४-५२ ॥ द्विपदाद० ॥ ७-द-१४१ ॥ धागः ॥४-४-१५ ॥ द्विधातु पराक्षा30 ॥४-१-१॥ धागस्तथोश्च ॥ २-१-७८ ॥ द्विषन्तपपरन्तपो॥५-१-१०८॥ | धातोः कण्ड्वादे० ॥३-४-८॥ द्विषो वातृशः ॥ २-२-८४ ॥ | धातोः पू-च ॥ ३-१-१ ॥

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