Book Title: Siddhhem Balavbodhini Part 02
Author(s): Mahimaprabhsuri
Publisher: Mahimaprabhvijay Gyanmandir Trust
View full book text
________________
. श्री सिडेभयन्द्रशानुशासनसूत्राशनुमलि[५८३
सूत्रम्। सूत्राङ्क। । सूत्रम्। सूत्राङ्क। धातोः सम्बन्धे० ॥५-४-४१॥ | न कचि ॥ २-४-१०५ ॥ धातोरनेकस्वरा० ॥३-४-४६॥ न कर्तरि ॥ ३-१-८२ ॥ धातोरिवर्णो० ॥ २-१-५० ॥ न कर्मणा० ॥ ३-४-८० ॥ धात्री ॥ ५-२-९१ ॥
न कवतेयङः ॥४-१-४७ ॥ धान्येभ्य ईनञ् ॥ ७-१-७९॥ न किमः क्षेपे ॥ ७-३-७० ॥ घाय्यापाय्या० ॥५-१-२४ ॥ नखमुखाद० ॥२-४-४० ॥ धारीङोऽकृच्छे० ॥५-२-२५॥ नखादयः ॥ ३-२-१२८ ॥ धारेधचे ॥ ५-१-११३ ॥
न ख्यापूग ॥२-३-९० ॥ धुटस्तृतीयः॥ २-१-७६ ॥ नगरात्कुत्सा० ॥ ६-३-४९ ॥ धुटा प्राक् ॥ १-४-६६ ॥ नगरादगजे ॥ ५-१-८७ ॥ धुटा धुटि० ॥ १-३-४८॥ न गुणाशुभरुचः ॥३-४-१३॥ धुड्हस्वालग० ।। ४-३-७० ॥ नगोऽप्राणिनि वा॥३-२-१२७॥ धुरोऽनक्षस्य ॥ ७-३-७७ ॥ नग्नपलित० ॥ ५-१-१२८ ।। धुरो यैयण ॥ ७-१-३ ॥ न जनवधः ॥ ४-३-५४॥ धूगौदितः ॥४-४-३८ ॥ न ।। ३-१-५१ ॥ धूगनीगोनः ॥ ४-२-१८ ॥ ना क्षेत्रझे० ॥ ७-४-२३ ॥ यूगसुस्ता :० ॥ ४-४-८५ ॥ . नात् ॥ २-२-१२५ ॥ घूमादेः ॥ ६-३-४६ ॥
नत्रव्यया-डः ॥ ७-३-१२३ ॥ घृषशसः० ॥ ४-४-६६ ॥ नञवाङ्गादेः ॥ ७-४-९ ।। . धेनोरनत्रः ॥६-२-१५ ॥ नोऽनिः शापे ॥५-३-११७।। धेनोभव्ययाम् ॥३-२-११८ ॥ नमोऽर्थात् ॥ ७-३-१७४ ॥ न ॥ २-२-१८ ॥
नस्तत्पुरुषात् ॥ ७-३-७१ ॥ न क्या ॥ १-१-२२ ॥
नम्तत्पुरुषा० ॥ ७-१-५७ ।। नः शि च ॥ १-३-१९ ॥ नम्बहो-णे ॥ ७-३-१३५ ॥

Page Navigation
1 ... 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648