Book Title: Siddhachakra Mandal Vidhan
Author(s):
Publisher: ZZZ Unknown
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स्वाहा । १०९। ॐ ह्रीं लघुस्पर्शत्यक्ताय नमः स्वाहा । ११०। ॐ ह्रीं शीतस्पर्शछेदकाय नमः स्वाहा । १११। ॐ ह्रीं उपणस्पर्शभ्रसकाय नमः स्वाहा ।११२। ॐ ह्रीं स्निग्ध स्पर्शध्वंसकाय नमः स्वाहा । ११३ । ॐ ह्रीं रूक्षस्पर्शरोवकाय नमः स्वाहा । ११४ । ॐ ह्रीं सर्वस्पर्शरहिताय' नमः स्वाहा । ११५ । ॐ ह्रीं नरकगत्यानुपूर्विविनाशकाय नमः स्वाहा । ११६ । ॐ ह्रीं तिर्यग्गत्यानुपूर्विप्रतारकाय नमः स्वाहा । ११७ । ॐ ही मनुष्यगत्यानुपूर्विविध्वंसकाय नमः स्वाहा। ११८ । ॐ ह्रीं देवगत्यानुपूर्विछेदकाय नमः स्वाहा । ११९ । ॐ ह्रीं अगुरुलघुत्वलंघकाय नम स्वाहा । १२० । ॐ ह्रीं उपघातघातकाय नमः स्वाहा । १२१ । ॐ ह्री परघातनामकर्मविकर्मकाय नमः स्वाहा । १२२ । ॐ ह्रीं आतपघातकाय नमः स्वाहा । १२३ । ॐ ह्रीं उद्योतकर्मदाहकाय नमः स्वाहा । १२४ । ॐ ह्रीं श्वासनिःवासविमुक्ताय नमः स्वाहा । १२५ । ॐ ह्रीं प्रशस्तविहायोगतिप्रमुक्ताय नम. स्वाहा । १२६ । ॐ हीं अप्रशस्तविहायोगतिनिर्णाशकाय नम. स्वाहा । १२७ । ॐ ह्रीं त्रसकर्मविनाशकाय नमः स्वाहा । १२८ । ॐ ह्रीं स्थावरकर्मविशारकाय नमः स्वाहा । १२९ । ॐ ह्रीं वाढरनामप्रवासकाय नमः स्वाहा । १३० । ॐ हीं सूक्ष्मकर्मशोषकाय नमः स्वाहा । १३१ । ॐ ह्रीं पर्याप्तिकर्मरहिताय नमः स्वाहा । १३२ । ॐ ह्रीं अपर्याप्तिकर्मनिषेधकाय नमः स्वाहा । १३३ । ॐ ह्रीं प्रत्येकशरीरहिंसकाय नमः स्वाहा । १३४ । ॐ हीं साधारणशरीरनिर्णाशकाय नमः स्वाहा । १३५। ॐ ही स्थिरनामकर्मछेदकाय नमः स्वाहा । १३६ । ॐ हीं अस्थिरनामकर्मनिम्रन्थकाय नमः स्वाहा । १३७ । ॐ ह्रीं शुभकर्मपाशकाय नमः स्वाहा । १३८ । ॐ ह्रीं अशुभकर्मनिरसकाय नमः स्वाहा ।१३९। ॐ ह्रीं शुभगकर्मनिवारकाय नमः स्वाहा । १४०। ॐ हीं अशुभग
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