Book Title: Siddhachakra Mandal Vidhan
Author(s):
Publisher: ZZZ Unknown
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-(सिद्ध छाक ह्रीं मंडल विधान) -
९३
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। ॐ ही
स्वाहा ।
स्वाहाॐ ह्रीं प्रतापाय नमः ॐ ही सूरित्रमा ३०६ । ॐ ह
ही सूरिमोक्षस्वरूपाय 41 ॐ ही सूरिमामः स्वाहा । ३००
निर्जराप्रताप
ॐ ह्रीं सूरिनिजस्वभावाय नमः स्वाहा ।२८८। ॐ हीं सूरिआश्रवविलयाय नमः स्वाहा ।२८९॥ ॐ ह्रीं सूरिखधविनाशाय नमः स्वाहा । २९० । ॐ ह्रीं सूरिसवरतत्वाय नमः स्वाहा । २९१ । ॐ ह्रीं सूरिसंवरतत्त्व- - स्वरूपाय नमः स्वाहा । २९२ । ॐ हीं सूरिसंवरगुणाय नमः स्वाहा । २९३ । ॐ ह्रीं सूरिसंवरधर्माय नमः स्वाहा । २९४ । ॐ ह्रीं सूरिनिर्जरातत्वाय नमः स्वाहा । २९५। ॐ ह्रीं सूरिनिर्जरागुणाय नमः स्वाहा । २९६ । ॐ ह्रीं सूरिनिर्जरागुणरूपाय नमः स्वाहा । २९७ । ॐ ह्रीं सूरिपरमनिर्जराधर्माय नमः स्वाहा । २९८ । ॐ हीं सूरिनिर्जरानुबंधाय नमः स्वाहा । २५९। ॐ ही सूरिनिर्जरास्वरूपाय नमः स्वाहा । ३००। ॐ ह्रीं सूरिनिर्जराप्रतापाय नमः स्वाहा । ३०१ । ॐ हीं सूरिमोक्षाय नमः स्वाहा । ३०२ । ॐ ह्रीं सूरिमोक्षस्वरूपाय नमः स्वाहा । ३०३ । ॐ ही सूरिबंधमोक्षाय नमः स्वाहा । ३०४ । ॐ हीं सूरिमोक्षगुणाय नमः स्वाहा । ३०५। ॐ ही सूरिमोक्षानुबंधाय नमः स्वाहा । ३०६ । ॐ हीं सूरिमोक्षप्रकाशकाय नमः स्वाहा । ३०७ । ॐ ह्रीं सूरिमोक्षविमंडनाय नमः स्वाहा । ३०८ । ॐ ह्रीं सूरिपरमात्मस्वरूपरताय नमः स्वाहा । ३०९। ॐ ह्रीं सूरिमोक्षप्राप्ताय नमः स्वाहा । ३१०।
ॐ हीं पाठकेभ्यो नमः स्वाहा । ३११ । ॐ हीं पाठकगुणेभ्यो नमः स्वाहा । ३१२ । ॐ ही पाठकगुणस्वरूपेभ्यो नम स्वाहा । ३१३ । ॐ ह्रीं पाठकपर्यायाय नमः स्वाहा । ३१४ । ॐ ह्रीं पाठकगुणपर्यायाय नमः स्वाहा । ३१५। ॐ हीं पाठकगुणपर्यायस्वरूपाय नमः स्वाहा । ३१६ । ॐ हीं पाठकद्रव्याय नमः स्वाहा । ३१७॥ॐ हीं पाठकगुणद्रव्याय नमः स्वाहा । ३१८ । ॐ हीं पाठकद्रव्यस्वरूपाय नम. स्वाहा । ३१९ । ॐ ह्रीं पाठकद्रव्यपर्यायाय नमः स्वाहा । ३२० ॐ हीं पाठकपर्यायस्वरूपाय नमः स्वाहा
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