Book Title: Siddhachakra Mandal Vidhan
Author(s):
Publisher: ZZZ Unknown
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। ३५४ । ॐ हीं पाठकसम्यक्त्वशरणाय नमः स्वाहा । ३५५ । ॐ ह्रीं पाठकसम्यक्त्वस्वरूपशरणाय नमः म्वाहा । ३५६ । ॐ ह्रीं पाठकवीर्यशरणाय नमः स्वाहा । ३५७ । ॐ हीं पाठकवीर्यस्वरूपशरणाय नमः । स्वाहा । ३५८ । ॐ हीं पाठकवीर्यपरमात्मशरणाय नम. स्वाहा । ३५९ । ॐ ह्रीं पाठकद्वादशागाय नमः स्वाहा । ३६० । ॐ हीं पाठकदशपूर्वाय नमः स्वाहा । ३६१ । ॐ ह्री पाठकचतुर्दशपूर्वाय नम स्वाहा | ३६२ । ॐ हीं पाठकाचारागाय नमः स्वाहा । ३६३ । ॐ ह्रीं पाठकज्ञानाचारागाय नम. स्वाहा ।३६४।
ॐ ह्रीं पाठकतपाचाराय नमः स्वाहा । ३६५। ॐ ह्रीं पाठकरत्नत्रयाय नमः स्वाहा । ३६६ । ह्रीं पाठकरत्नत्रयस्वरूपाय नम. स्वाहा । ३६७ | ॐ ह्रीं पाठकध्रुवससाराय नम• स्वाहा। ३६८। ॐ हीं पाठकएकत्त्वरूपाय नम. स्वाहा । ३६९ | ॐ ह्रीं पाठकएकत्त्वगुणाय नमः स्वाहा । ३७० । ॐ ह्रीं पाठकएकत्त्वपरात्मने नमः स्वाहा । ३७१। ॐ ह्रीं पाठकधर्माय नमः स्वाहा । ३७२ । ॐ ह्रीं पाठकएकत्त्वचैतन्याय नमः स्वाहा ।३७३। ॐ ह्रीं पाठकएकत्त्वचैतन्यस्वरूपाय नमः स्वाहा । ३७४। ॐ ह्रीं पाठकएकत्वद्रव्याय नमः स्वाहा 1३७५/ ॐ ही पाठकचिदानन्दाय नमः स्वाहा ।३७६। ॐ हीं पाठकसिद्धिसाधकाय नमः स्वाहा ।३७७/ॐ ही पाठकसमृद्धिसपूर्णाय नम. स्वाहा ३७८ । ॐ हीं पाठकनिग्रंथाय नमः स्वाहा । ३७९ | ॐ ह्री पाठकअर्थनिवानाय नमः स्वाहा । ३८० | ॐ हीं पाठकससारनिधनाय नमः स्वाहा । ३८१ । ॐ ह्री पाठककल्याणाय नम: स्वाहा । ३८२ | ॐ ही पाठककल्याणगुणाय नमः स्वाहा । ३८३ | ॐ ह्रीं पाठककल्याणस्वरूपाय नमः स्वाहा । ३८४ | ॐ ह। पाठककल्याणद्रव्याय नमः स्वाहा । ३८५। ॐ ह्रीं पाठकतत्त्वगुणाय नम. स्वाहा । ३८६ । ॐ ह्रीं पाठकतत्त्वचिद्रूपाय नम स्वाहा । ३८७। ॐ ह्री पाठकड़ि
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