Book Title: Siddhachakra Aradhan Keshariyaji Mahatirth
Author(s): Jitratnasagar, Chandraratnasagar
Publisher: Ratnasagar Prakashan Nidhi
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महातीर्थ का कार्य व्यवस्थित और जल्दी पूर्ण हो इस इरादे से इस नवनिर्माण का कार्य अहमदाबाद में देरासर जीर्णोद्धार कमेटी को सौंप दिया गया। अहमदाबाद जीर्णोद्धार कमेटी के ट्रस्टीयों ने पूज्य आचार्यदेव को आज्ञा और मार्गदर्शन से जिनालय का कार्य अल्प समय में पूर्ण कर दिया।
श्री ऋषभदेव छगनीराम पेढ़ी के संचालकों ने नूतन जिनालय में भगवान केशरियानाथ प्रभु की अंजनशलाका - प्रतिष्ठा पूज्य आचार्य देव के उपदेश से प्रेरित होकर विक्रम संवत् 2019 में करवाने का निश्चय किया। स्व. हजारीमलजी बिरदीचन्दजी की धर्मपत्नि रम्भावेन अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव के खर्च हेतु रुपये 11000 पेढ़ी को समर्पित किये। अंजनशलाका प्रतिष्ठा के महोत्सव का भारतवर्ष के सभी श्रीसंघ लाभ ले सके इस हेतु अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव आमन्त्रण पत्रिका छपवाकर सभी जगह भेजी गई । उस समय प्रतिष्ठा महोत्सव 11 दिन का हुआ था। आचार्यदेव श्री चन्द्रसागरसूरीश्वर - जो म. पू. उपाध्याय श्री देवन्द्रसागरजी म. सा. पूज्य मुनि श्री अभ्युदयसागरजी म. सा. आदि 22 ठाणा तथा पूज्य साध्वी श्री मनोहर श्रीम. सा. श्री फल्गुश्रीजी म. सा श्री इन्दु श्री जी म. आदि 50 ठाणा की उपस्थिति में पूज्य आचार्यदेव ने वैशाखसुदी 10 दिनांक 14-5-1962 के शुभ दिन प्रात: स्टे. टा. 7-20 बजे अंजनशलाका विधि प्रारम्भ की थी । उसके मात्र 1 घण्टे बाद ही आचार्यदेव के वरद हस्ते ॐ पुण्याहं पुण्याहं के उच्चार पूर्वक भगवान श्री केशरियानाथ प्रभु को ग्रादीनशीन रुप प्रतिष्ठा विधि हुई थी ।
पू. चन्द्रसागर सुरीश्वरजी म. सा. श्री केशरियाजी की प्रतिष्ठा करते हुवे
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