Book Title: Siddhachakra Aradhan Keshariyaji Mahatirth
Author(s): Jitratnasagar, Chandraratnasagar
Publisher: Ratnasagar Prakashan Nidhi

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Page 42
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org श्री मूलनायकजी ऋषभदेवजी का जिनालय मूलनायक प्रभुजी से लगा हुआ श्री महावीर स्वामी का जिनालय है। जहां मूल गभारे में कुल ५ प्रतिमा जी हैं। मूलनायक श्री महावीर स्वामीजी सम्प्रतिराजा के भराये गये है मूलनायक की दाईं और भी महावीर स्वामी की प्रतिमाजी विराजमान है जिसपर १३३६ का लेख अंकित है । शिलालेख अनुसार ७१० वर्ष प्राचीन प्रतिमाजी है सामने की ओर तिगडा है तथा दोनों तरफ दीवाल में एक एक गोखला हैं। दाईं ओर के गोखले में १६९५ के लेख वाली श्रीवासुपूज्य स्वामीजी की प्राचीन प्रतिमाजी विराजमान हैं । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्री महावीर स्वामी रंगमण्डप में भगवती देवी श्री पद्मावती माता की प्रतिमा विराजमान है। श्री महावीर स्वामी जिनालय का जिर्णोद्वार विक्रम संवत् २०३४ में पूर्ण हुवा था । [31] For Private and Personal Use Only

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