Book Title: Siddhachakra Aradhan Keshariyaji Mahatirth
Author(s): Jitratnasagar, Chandraratnasagar
Publisher: Ratnasagar Prakashan Nidhi
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श्री चन्द्र प्रभु स्वामीजी का मन्दिर श्री राजेन्द्रसूरी शान मन्दिर से लगा हुआ श्री चन्द्राप्रभु जी का प्राचीन मन्दिर है । यहाँ की प्रतिमाएँ प्राचीन हैं । मन्दिर जी के पीछे उपाश्रय है। इस वर्ष नूतन व्याख्यान भवन बन गया है । प्रायः यहाँ पर भी चातुर्मास होते हैं । साधु-साध्वीजी म. सा. के ठहरने की उत्तम व्यवस्था है। यहां पर एक जैन पाठशाला चलती है। आयम्बिल भी होते रहते हैं। नयापुरा क्षेत्र में १५० श्रावक परिवार वसते हैं।
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श्री आदेश्वरजी का मन्दिर · श्री चन्द्राप्रभुजी मन्दिरजी के सामने दो मन्जिल का शिखरबद्ध श्री आदिश्वरजी का भव्य मन्दिर है । मन्दिरजी से लगा हुवा उपाश्रय भवन है । मन्दिरजी में नवपद जी का सुन्दर पट्ट भी है।
श्री आदिनाथ भगवान, नयापुरा श्री शीतलनाथजी का मन्दिर नयापुरा से एक-दो फांग की दूरी पर उर्दूपुरा मोहल्ला है। यहाँ शीतलनाथ प्रभुजी का एक प्राचीन मन्दिर है।
श्री पाश्वनाथ जी का मन्दिर
उर्दू पुरा से लगभग ३ कि. मी. की दूरी पर भैरवगढ़ की प्राचीन बस्ती हैं। यहाँ माणकचौक में एक प्राचीन पाश्वनाथ प्रभुजी का मन्दिर है। प्रतिमा लघु होकर भी विशिष्टता युक्त है। श्री पदमावती के मस्तक पर श्रीपार्श्वप्रभु की प्रतिमाहै । मन्दिर की दशा जीर्ण-शीर्ण है मन्दिर जी से लगा हुआ, उपाश्रय है।
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श्री पद्मावती पार्श्वनाथ
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