Book Title: Siddhachakra Aradhan Keshariyaji Mahatirth
Author(s): Jitratnasagar, Chandraratnasagar
Publisher: Ratnasagar Prakashan Nidhi
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श्री जिनदत्तसूरीश्वर जी "दादाबाड़ी"
श्री अजितनाथ जी मन्दिर के सामने श्री जिनदत्तसूरी "दादावाड़ी" मन्दिर नवनिर्मित अति आकर्षक तीन मन्जिल का है । यहाँ पर जिन दत्त सूरिजी की एवं जिनकुशलसूरिजी की भी प्रतिमा है । श्री शान्तिनाथ जी का प्राचीन मन्दिर
"दादावाड़ी" मन्दिर के पास ही छोटा सराफा में शान्तिनाथजी की गलो में शान्तिनाथ जी भगवान का अत्यन्त प्राचीन मन्दिर है । मूलनायक श्री शान्तिनाथ प्रभु की प्रतिमा भव्य है । दूसरी मन्जिल पर श्री महावीर स्वामीजी का मन्दिर हैं । आसपास अष्टापदजी व • सिद्धाचल के भव्य पट्ट लगे हैं। मन्दिरजी में दादा गुरु देव की प्रतिमाएँ विराजमान हैं ।
यहाँ एक प्राचीन उपाश्रय भवन था जिसका अभी अभी नवनिर्माण हुआ है श्री विचक्षण उपाश्रय से लगी हुई विशाल धर्मशाला है । अवन्ति पार्श्वनाथ तीर्थं पेढ़ी का कार्यालय यहीं पर है । यहाँ पू साधु-साध्वीजी म. सा. के चातुर्मास हेतु समुचित व्यवस्था है ।
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श्री जिन कुशलसूरिजी
श्री राजेन्द्रसूरी जैन ज्ञान मन्दिर ( नयापुरा )
घोटा सराफा से लगभग आधा कि. मी. की दूरी पर नयापुरा मोहल्ला है । यहाँ पर तीन देरासर पास-पास स्थित हैं ।
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श्री शांतिनाथजी
नयापुरा में श्री राजेन्द्रसूरी जैन ज्ञान मन्दिर ( गुरु मन्दिर ) है । यहाँ धातु की प्रतिमाजी विराजमान है । यहाँ जैन पाठशाला दूसरी मन्जिल पर लगती है ।