Book Title: Siddhachakra Aradhan Keshariyaji Mahatirth
Author(s): Jitratnasagar, Chandraratnasagar
Publisher: Ratnasagar Prakashan Nidhi

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Page 47
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्री चन्द्रप्रभस्वामीजी जिनालय के बाहर गोखले में मुगल सम्राट अकबर प्रतिबोधक आचार्य महाराजाधिराज श्री विजयहीरसरिजी महाराज साहेब की प्रतिमाजी प्रतिष्ठित है। श्री चन्द्रप्रभस्वामीजी जिनालय के उपर श्री घण्टाकर्ण महावीर देव का मन्दिर है। इनका मूल स्पान महुडी (गुजरात) में है। यहां भी भनेक भक्त आकर घण्टाकर्ण देव की भक्ति द्वारा मनवाच्छित प्राप्त करते हैं। श्री घण्टाकर्ण देव सम्यक दृष्टि देव हैं ऐसी किंवदंती हैं। श्री सिद्धचकाराधन-केशरियानाथ महातीर्थ के दर्शन वंदन हेतु भारतभर से हजारों यात्री प्रतिवर्ष यहां आते हैं। प्रति दिन यहाँ यात्रियों का आवागमन होता रहता है। . प्रस्तावित श्री प्रदिपकुमार वाडीलाल गांधी जैन विद्यालय . . सन् १९७० में श्री सिध्दचक्राराधन केशरियानाथ महातीर्योध्दारक पूज्य आचार्यदेव श्री चन्द्रसागरसुरीश्वर जी म. सा. की प्रेरणा से प्रेरित होकर बम्बई घाटकोपर निवासी श्री वाडीलाल चतुर्भज गांधी ने श्रीपाल मार्ग पर स्थित ७०/१०५ फुट की विशाल भूमी जो कि अकबर बिल्डींग के नाम से जानी जाती है । उसे संस्था को 'श्री प्रदिपकुमार वाहीलाल गांधी जैन विद्यालय" बनवाने के लिये दान में दी। पूज्य मुनिराज श्री अभ्युदयसागर जी म. की प्रेरणा से प्रेरित होकर श्री वाडीलाल चतुर्भुज गांधी ने अकबर बिल्डीग का दान संस्था को उपाश्रय भवन हेतु दान किया। वहां श्रीमती भानुमतिबेन वाडीलाल गांधी श्राविका उपा: श्रय का निर्माण किया जाना है शीघ्राति शीघ्र वहां उपाश्रय नवनिर्मित होगा। इति श्री सिद्धचक्राराधन-केशरियानाथ - महातीर्थ इतिहास [36] For Private and Personal Use Only

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