Book Title: Siddhachakra Aradhan Keshariyaji Mahatirth
Author(s): Jitratnasagar, Chandraratnasagar
Publisher: Ratnasagar Prakashan Nidhi
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श्री ऋषभदेवजी एवं श्री महावीर स्वामी के जिनालय का एक मनोरम दृश्य - इसी जिनालय के उपर भी महावीर स्वामी जी का जिनालय है। प्रतिमाएं भति प्राचीन प्रतीत होती है । प्रतिमा इस जिनालय में कुल तीन हैं । ये प्रतिमाएं सम्प्रति कालीन प्रतीत होती है।
__ श्री महावीर स्वामी जिनालय से लगा हुआ ही गुरु मन्दिर है जिसमें भगवान श्री महावीर स्वामी के प्रथम गणधर श्री गौतमस्वामीजी की प्रतिमा विराजमान है । एक तरफ आगमोद्धारक आ. भ. श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. की प्रतिमा है । तथा दूसरी तरफ मालवो. दारक आ. देव श्री चन्द्रसागरसूरीश्वर जी म.सा. की प्रतिमा है। जिनकी प्रतिष्ठा
विक्रम संवत् २०३४ में हुई है। गुरु मन्दिर, खारांकुआ
श्री महावीर स्वामी जिनालय के सामने ही श्री सिद्धचक्राराधन तीर्थ मन्दिर है जहां तीन शिखरवाली नयनरम्य देहरी में श्रीपालराजा
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