Book Title: Shrutsagar Ank 2013 02 025
Author(s): Mukeshbhai N Shah and Others
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

View full book text
Previous | Next

Page 5
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संपादकीय श्रुत एक वटवृक्ष कवि आनन्द की एक पंक्ति याद आती है "नानकडा को वट-बीजमा, वडला कैंक सूतेला जोया"। विचार बीज की तरह है। बीज को बोने से उसमें से कितने ही वटवृक्ष उत्पन्न हो जाते हैं | बीज और विचार इन दोनों में एक समानता यह है कि दोनों को अपनी शक्ति का एहसास नहीं होता है। यदि विचार और बीज को योग्य जगह वोया जाए तो अवश्य ही अप्रतिम परिणाम मिलता है। बड़े-बड़े परिवर्तनों के मूल में छोटे-छोटे विचार छुपे होते हैं। अध्ययन-वांचन से विचारों को बल मिलता है। श्रवण की जितनी महत्ता है उतनी ही अध्ययन की भी है। अनेक उदाहरण हैं कि अध्ययन के माध्यम से असरकारक एवं सुन्दर परिणामों की प्राप्ति होती है। अच्छी पुस्तकों का पढ़ना तो कठिनाईयों में भी सहायक सिद्ध होता है। सद्धांचन और सद्विचार एक-दूसरे के पूरक हैं और यह स्व-पर दोनों के लिये कल्याणकारी हो सकता है। इन्हीं शुभ आशयों को लक्ष्य बनाकर आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमन्दिर विद्वानों एवं सद्विचारकों की सेवामें वर्षों से उद्यमशील रहा है। अपनी विशिष्ट श्रुतरोवा के माध्यम से ज्ञानमन्दिर ने संशोधकों एवं विद्वानों के हृदय में अद्वितीय स्थान प्राप्त कर लिया है। ज्ञानमन्दिर के लिये यह गौरव और आनन्द की बात है। श्रुत सेवा की शृंखला में ज्ञानमन्दिर परिवार का एक छोटा सा योगदान अर्थात 'श्रुतसागर'......| पिछले एक वर्ष से ज्ञानमन्दिर की ओर से श्रुतसागर का प्रकाशन नियमित रूप से हो रहा है। आज श्रुतसागर का २५वाँ अंक आपके हाथों में है। श्रुतसागर इस अंक से नया प्रौद आकार ग्रहण करेगा । इसका स्वरूप, उद्देश्य और विषय विस्तृत बनेगा। अपने भव्य भूतकाल एवं शास्त्रों में छिपे देदीप्यमान इतिहास का विस्तृत परिचय प्रस्तुत करने हेतु तमाम ऐतिहासिक सामग्रियों एवं प्रामाणिक साक्ष्यों को पूरक सामग्रियों के साथ प्रकाशित करके शोधकर्ताओं तक पहुँचाना ही श्रुतसागर की फलश्रुति है। आप सभी के लिये प्रतिमाह ऐतिहासिक लेख, विशिष्ट तीर्थस्थलों का परिचय, ज्ञानमन्दिर में संगृहीत विशिष्ट कृतियों की सूचना जैसे अनेक शोधप्रद एवं बोधप्रद विषयों को प्रकाशित करने की भावना है। For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36