Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 17
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
View full book text
________________ १८अवराइय १९विससेणे 20 वीसइमे होइ बंभदत्ते य। २१दिन्ने २२वरदिने उण २३धन्ने २४बहुले य बोद्धव्वे // 140 // जिणपढमभिक्खदाया तम्मि भवे केइ सिद्धिमणुपत्ता / केई तइयभवेणं सुरसुक्खं भुंजिउं सिद्धा // 141 // वाससहस्सं बारस चोद्दस अट्ठार वीसवरिसाइं। . मासा छग नव विनि य चउ तिग दुग एक्कग दुगं च : // 142 // ति दु एक्कग सोलसगं वासा तिन्नि अ तहेवऽहोरत्तं / मासिक्कारस नवगं चउपनदिणाय चुलसीई . // 143 // तह बारस वासाइं जिणाण छउमत्थकालपरिमाणं / ' उग्गं च तवोकम्मं विसेसओ वद्धमाणस्स // 144 // अट्ठमभत्तवसाणे पासोसभमल्लिरिटुनेमीणं / वसुपुज्जस्स चउत्थेण छटुंभत्तेंण सेसाणं ... // 145 // तेवीसाए नाणं उप्पन्नं जिणवराण पुव्वण्हे / वीरस्स पच्छिमण्हे पमाणपत्ताए चरिमाए. // 146 // उसभस्स पुरिमताले वीरस्सुजुयालियांनईतीरे / सेसाण केवलाइं जेसुज्जाणेसु पव्वइया // 147 // १नग्गोह रसत्तिवने ३साले ४पियए ५पियंगु ६छत्तोहे। ७सिरिसे य ८नागरुक्खे ९मल्ली य १०पिलिंखुरुक्खे य // 148 // ११तिदुग १२पाडल १३जंबू १४आसुत्थे खलु तहेव १५दहिवन्ने / १६नंदीरुक्खे १७तिलए १८अंबयरुक्खे १९असोये य // 149 // २०चंपगरुक्खे २१बउले २२वेडसरुक्खे तहेव 23 धयरुक्खे / २४साले चउवीसइमे इय रुक्खा जिणवराणं तु // 150 // खित्ते जोयणमित्ते जं जियकोडी सहस्ससो माणं 1 / सव्वसभासाणुगयं वयणं धम्मावबोहयरं 2 // 151 // 236

Page Navigation
1 ... 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322