Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 17
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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________________ धम्मा१ ऽधम्मा२ ऽऽगासा३ तियलियभेया तहेव अद्धा य१०। खंधा११ देस१२ पएसा१३ परमाणू१४ अजीव चउदसहा // 802 सायं उच्चागोयं सत्ततीसं तु नामपयईओ। . तिन्नि य आऊणि तहा बायालं पुन्नपयडीओ // 803 सायं उच्चागोयं नरतिरि देवाउ नाम एयाउ। मणुयदुगं देवदुयं पंचिंदिजाइ तणुपणगं .. . // 804 अंगोवंगतिगं चिय संघयणं वज्जरिसहनारायं / पढमं चिय संठाणं वन्नाइचउक्के सुपसत्थं अगुरुलहू परघायं उस्सासं आयवं च उज्जोयं। सुपसत्था विहगगई तसाइदसगं च निम्माणं / तसबायरपज्जत्तं पत्तेयथिरं सुहं च सुभगं च। सुस्सर आइज्ज जसं तसाइदसगं इमं होइ ... // 807 तित्थयरेणं सहिया सत्ततीसं च होंति नामस्स / सेसेहिं सहियाओ बायालं पुन्नपयडीओ नाणंतरायदसगं देसण नव१९ मोहपयडीछव्वीसं 45 / अस्सायं४६ निरयाऊ४७ नीयागोएण अडयाला४८ // 809 नरयदुगं तिरियदुगं जाइचउक्कं तु पंच संघयणा।। संठाणाविय पंच उ वन्नाइचउक्कमपसत्थं . // 810 उवघाय कुविहायगई थावर सुहुमं तहा अपज्जत्तं / / साहारणाऽथिराऽसुहमसुहगदूसरमणाइज्जं . // 811 अज्जसकित्तीओ तह तिण्हं इक्किक्कयाउ पावंति। सव्वाओ मिलियाओ बासीओ पावपयडीओ // 812 इंदिय५ कसाय४ अव्वय५ किरिया२५ पण चउर पंच पणवीसा। जोगा तिन्नेव भवे बायालं आसवा होई // 813 294 // 808

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