Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 17
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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________________ बहुरय१ पएस२ अव्वत्त३ सामुच्छा४ दुग५ तिग६ अबद्धिगा७ चेव / सत्तेए निण्हवा खलु तित्थम्मि उ वद्धमाणस्स . // 515 // बहुरय जमालिपभवा जीवपएसा य तीसगुत्ताओ। अव्वत्ताऽऽसाढाओ सामुच्छेयाऽऽसमित्ताओ // 516 // गंगाओ दोकिरिया छलुगा तेरासिआण उप्पत्ती / थेरा य गुट्ठमाहिल पुट्ठमबद्धं परूवंति // 517 // सावत्थी उसभपुर सेयंबिया मिहिल उल्लुगातीरं। पुरमंतरंजि दसपुर रहवीरपुरं च नगराई // 518 // चउदसवासाणि तया जिणेण उप्पाडियस्स नाणस्स / ता बहुरयाण दिट्ठी सावत्थीए समुप्पन्ना.. // 519 // छव्वाससएहिं नउत्तरेहिं तइया सिद्धि गयस्स वीरस्स। तो बोडियाण दिट्ठी रहवीरपुरे समुप्पन्ना // 520 // थुलभद्दभगिणी सत्तजक्खा य 1 जक्खदिन्ना 2 भूया 3 तह भूयदिन्न 4 नामा य / सेणा 5 वेणा 6 रेणा 7 ता एयाओ अणुक्कमसो // 521 // सो जयउ थूलभद्दो तिन्नि पमत्ताई जस्स जायाई। सीहविउव्वण गमणं कहणं अत्थस्स मित्ताणं // 522 // चउदसपुव्वुच्छेओ संघयणं पढमयं च संठाणं। . सुहुममहापाणाणि य छिनाई थूलभद्दम्मि * // 523 // चरमजिणे मुक्खगए चालीसेहिं (चउरासीइहि) चउहि वरिससए / वइरो दस पुव्वधरो वइरमुणी तस्स साहाए // 524 // दसपुव्वस्स य छेओ संघयणचउत्थयस्स तह चेव / साहूम्मि वइरनामे खीरासवलद्धिसंपन्ने // 525 // . 20

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