Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 17
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

View full book text
Previous | Next

Page 261
________________ अंतो बहिं च द४ पुष्फगभिन्नं च कीडखइयं च / पउमुप्पलं चपलयं परिहरियव्वं पयत्तेणं // 331 // लट्ठी आयपमाणा विलट्ठी चउरंगुलेण परिहीणा / दंडो बाहुपमाणो विदंडओ कक्खमित्तो य . // 332 // एगपव्वं पसंसंति दोपव्वा कलहकारिया। तिपव्वा लाभसंपन्ना चउपव्वा मारणंतिया . // 333 // पंचपव्वा उ जा लट्ठी पंथे कलहनिवारिणी। छच्चपव्वा उ आयंको सत्तपव्वा निरोइया // 334 // अट्ठपव्वा असंपत्ती नवपव्वा जसकारिया। . . दसपव्वा उ जा लट्ठी तहियं सव्वसंपया // 335 // वंका कीडक्खइया चित्तलया पोलडा य दङ्वा य / लट्ठी य उब्भसुक्का वज्जेयव्वा पयत्तेणं // 336 // घणवद्धमाणपव्वा निद्धा वन्नेण एगवन्ना य / एमाइलक्खणजुआ पसत्थलट्ठी मुणेयव्वा // 337 // जोयणसयं तु गंतुं अणहारेणं तु भंडसंकंती। वायागणिधूमेहिं विद्धत्थं होइ लोणाइ // 338 // खित्ताइयाइं जाणह सट्ठीए जोयणाण पत्ताई। हरडइ पिप्पलि मिरियाइयाणि समए अचित्ताई // 339 // हरियालमणोसिलपिप्पली उ खज्जूरमुद्दिया अभया / आइण्णमणाइण्णा ते वि हु एमेव नायव्वा // 340 // आरुहणे ओरुहणे निसियण गोणाइणं च गाउम्हा / भुम्माहारच्छेओ उवक्कमेणं तु परिणामो. // 341 // तित्थयर१ सिद्धर कुल३ गण४ संघ५ किरिय६ धम्म७ नाण८ नाणी आयरिय१० थेरु११ वज्झाय१२ गणीणं तेरस पयाणि // 342 //

Loading...

Page Navigation
1 ... 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322