Book Title: Sanskrit Prakrit Hindi Evam English Shabdakosh Part 03
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: New Bharatiya Book Corporation
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'नीतिशतकं' वैराग्यशतकं, श्रमणशतकम् । A century hundred year, hundred pada.
शतकार्य:, सअ कज्जो, पुं० सैकड़ों कार्य, work of hundred stanzas. शतकेन्द्रः, सअकेंदो, चुं० सौ केन्द्र, hundred
kendra.
शतकुम्भः, सअकुंभी, पुं० सौ घट, hundred pot. शतकृत्यः, सअकिज्जो, अव्य० सौ गुणा, hundred
fold.
शतकोटि, सअ - कोडि, स्त्री० सौ करोड़, hundred edged.
शतक्रतु, सअकउ पुं० इन्द्र, Indra, सैकड़ों यज्ञ में तत्पर, having hundred sacrifices, • पूर्व दिक्पाल, purva dikpal. शतखण्डं, सअखंड, नपुं० सोना, स्वर्ण, gold. गु, अगु, वि० सौ गायों का स्वामी, possessed of hundred cows.
•
शतगुण, सअगुण, वि० सौ गुणा, hundred times. शतग्रन्थि, सअगंथि, स्त्री० दूर्वाघास, the durva
grass.
शतघ्नी, सअग्घी, स्त्री० गले का रोग, disease of the throat, • एक शिला, a huge stone,
• एक अख विशेष, a kind of weapon. शतच्छंद, सअच्छंद, नपुं० कमल, lotus. शतजिहः, सअजिन्भो, पुं० शिवा, Siva. शततम, सअतम, वि० साँवा, Hundred times. शततारका, सअतारगा, स्त्री० शतभिषा नक्षत्र, a star. of the duth.
शतत्व, सअत्त, वि० सौ संख्या वाला, being hun dred. lunar mansion containting one hundred stras.
शतदल, सअदल, नपुं० कमल, अरविंद, पद्म, 10
tus.
शतदला, सअदला, स्त्री० सफेद गुलाब, the white
rose.
शतधा, सअहा, अव्य० [शत धाच्] सौ तरह से सौ भागों से।
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संस्कृत प्राकृत-हिन्दी एवं अंग्रेजी शब्द कोश
शतधामन्, सअधाम, पुं० विष्णु, Visnu. शतधार, सअधार, वि० सौ का धारक, having ' hundred.
शतधारं सअधार, नपुं० बज्र, the thunderbolt of Indra.
शतधृतिः, सअधिइ, स्त्री० • इन्द्र, Indra, • ब्रह्मा,
Brahman.
शतपत्रं, सअपतं, नपुं० कमल, पद्म, lotus, खुटबढ़ाई। शतपत्रकं, सअपत्तगं, देखो ऊपर, • अरविंद, सरोज,
lotus. शतपत्रनीति, सअपत्तणी, स्त्री० शतपत्र रूप कथन । पत्राणां शतं तदेवैकी भूयं शतपत्रं कमलमिति कथन रूपा सत्य, • दार्शनिक दृष्टि अङ्ग और अङ्गी, अवयव और अवयवी में एक्य अभेद नहीं है, पृथक्ता ही है, ऐसा कहना ठीक नहीं जान पड़ता, परन्तु अभेद कथन शतपत्र के समान सत्य है। जैसे कि सौ पत्रों - कलिकाओं का समूह शतपत्र / कमल कहलाता है। यहाँ सौ पत्रों और कमल में भेद नहीं है, अभेद हैं, क्योंकि एक एक पत्र के पृथक करने पर शतपत्र / कमल ही नष्ट हो जाता है। यही बात गुण और गुणी में है। प्रदेश भेद न होने से गुण गुणी में अभेद है, क्योंकि गुणों के नष्ट होने पर गुणी भी नष्ट हो जाता है।
शतपद, सअपद, वि० सौ पैरों वाला, having a hundred feet.
शतपक्ष, सअपक्ख, खी० कनखजूरा, centipede. शतपद्मं, सअपोम्मं, नपुं० सौ पत्रों वाला कमल, श्वेत कमल, lotus. शतपर्वन् सअपव्य, पुं० बांस आश्विन मास की पूर्णिमा, bamboo • दूर्वाघास, the full moon day in the month of Asvina, durva-grass, • कटुक पादप, a plant. शतमखः, सअमहो, पुं० इन्द्र, Indra.
शतमन्यु, सअमण्णु, पुं० इन्द्र, Indra, उल्लू, owl. शतमुख, सअमुह, वि० सौ द्वार वाला, having a hundred ways.
शत यज्वन्, सअ यज्जो, पुं० इन्द्र, Indra.
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