Book Title: Sanskrit Prakrit Hindi Evam English Shabdakosh Part 03
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: New Bharatiya Book Corporation
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पारिभाषिक शब्द
अकर्म, अकम्म, अबन्धक स्थिति, unbonded liv-
___ing.
अकषाय, अकसाय, राग, द्वेष रहित अवस्था, risen
of unlove and fault. अजीवक, अजीवग, मूर्तिक, 2 अमूर्तिक - चेतना
रहित, unlife. आजीवक भेद,आजीवगभेदो, 1 पुद्गल, 2 धर्म,3
अधर्म,4 आकाश और 5 काल, unlifekind, pudgal, dharma, ignoefy, adharma, staying, akasha place
and kala time. अक्ष, अक्ख, आत्मा, इन्द्रिय, organ. अट्ट, अट, संख्या का प्रमाण, measure of num
ber. अणु, अणु, पुद्गल का सबसे छोय अंश। इसमें एक
वर्ण, एक रस, एक गन्ध और दो स्पर्श होते हैं। • पुद्गल का अविभागी अंश,part of small
of metter. अणुव्रत, अणुव्वअ, हिंसा, असत्य, चौर्य, कुशील
और परिग्रह इन पांच पापों का एक देश स्थूल रूप से त्याग करना अणुव्रत है, ये पांच होते हैं,
give up with one part any think. अतिचार, अइयार, व्रत का उल्लंघन करना, fault____ing of religious kind. अतिदुःषमा, अइदुस्समो,अवसर्पिणी छठा काल। दूसरा
नाम दुःषमा दुःषमा भी है। a kind of time. अधःकरण, अहोयरण, सप्तम गुण स्थान की श्रेणी
चढ़ने के सम्मुख अवस्था इसमें जीव के परिणामस्वरूप समय और भिन्न समय में समान
और असमान दोनों प्रकार के होते हैं, a kind of gunasthana.
अधर्म, अधम्म, जो जीव और पुद्गल की स्थिति में
सहायक हो, helping instay of jiva and
pudgala. अनिवृत्तिकरण, अणिवित्तिकरण, नौवा गुणस्थान इसमें
समसमयवर्ती जीवों के परिणाम असमान ही
होते हैं, a kind of gunasthana. अनीक, अणीगो, देवों का एक भेद, a kind of
deity. अनुकम्पन, अणुकंपण, सम्यग्दर्शन का एक गुण मोह
तथा राग-द्वेष से पीड़ित जीवों को दुःख से छ्याने का दयार्द्र परिणाम होना,asubjectof
good thinking. अनुमननत्याग, अणुमणुणच्चागो, अन्तरंग परिषद के
सदस्य देव, a kind of deity. अपूर्वकरण, अपुव्वयरण, आठवां गुणस्थान इसमें भिन्न
समयवर्ती जीवों के परिणाम भिन्न और समसमयवर्ती जीवों के परिणाम भिन्न तथा अभिन्न दोनों प्रकार के होते हैं, a kind of
Gunasthana. अपृथग् वक्रिया, अपुव्वकिरिया, अपने ही शरीर की
नाना रूप परिणामने की शक्ति, power of
body turning. अप्रतिबुद्ध, अप्पडिबुद्ध, आत्मा को कर्म-नोकर्म
समझने वाला, knowing of karma and
nokarma. अप्रत्याख्यान, अप्पक्खाण, देश संयम को घातने वाली
कषाय, a injuring of sagngam. अभब्य, अभव्व, जिसे मुक्ति प्राप्त न हो सके ऐसा
जीव, not going karmless. अभिन्नदशपूर्विन, अभिण्णदसणव्वि, उत्पाद पूर्व आदि
दशपूर्वो के ज्ञाता मुनि,aknowing sage.
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