Book Title: Sanskrit Prakrit Hindi Evam English Shabdakosh Part 03
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: New Bharatiya Book Corporation
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संस्कृत-प्राकृत-हिन्दी एवं अंग्रेजी शब्द कोश
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तन्तुचारण, ततचारण, चारणऋद्धि का एक भेद,a
___kind of ridhi. तीर्थकृत, तित्थकिद, धर्म के प्रवर्तक तीर्थकर हैं, भरत
और ऐरावत क्षेत्र में इनकी संख्या 24-24 होती
है,विदेह क्षेत्र में 20 होते हैं, religious god. तुटिकाशब्द, तुडिगासद, संख्या का एक प्रमाण,
_number. तर्याग, तुज्जग, बाजों का देने वाला एक कल्पवृक्ष,a
___kind of tree. व्रत भावना, think of religious act,1.मिताहार
ग्रहण,2. उचिताहार ग्रहण, 3.अभ्यनुज्ञात ग्रहण, 4. विधि के विरुद्ध आहार ग्रहण नहीं करना, 5.प्राप्त आहार पान में सन्तोष रखना।
दर्शनोपयोग, 1. चक्षुदर्शन, 2. अचक्षुदर्शन, 3.
अवधिदर्शन, 4. केवलदर्शन। दीपांग, दीपकों को देने वाला एक कल्पवृक्ष। A ___kind of tree. देशावधि, अवधिकज्ञान का एक भेद। AKind of
know. दुःषमा, अवसर्पिणी पांचवां काल। Think of
riligious act. द्वितीयव्रत भावना, 1. क्रोध त्याग, 2. लोभत्याग, 3.
भयत्याग,4.हास्त्याग और 5.सूत्रानुगामी-शास्त्र के अनुसार वचन बोलना ये पांच सत्य व्रत की
भावना है। द्रव्यलेश्या,शरीर एक रूप रंग। इसके 6 भेद हैं- 1.
कृष्ण, 2. नील, 3. कापोत, 4. पीत, 5. पद्म,
6. TRT I colour of body. द्रव्यानुयोग, शास्त्रों का भेद, जिनमें द्रव्यों के स्वरूप
का वर्णन रहता है। A kind of text. द्रोणमुख, जो नदी के किनारे बसा हो ऐसा ग्राम।
Book of river.
त्रायस्त्रिंश, तायंतिस, देवों का एक भेद,akind of
___Deva. त्रिबोध, तिबोह, तीन ज्ञान, 1. मतिज्ञान, 2. श्रुतज्ञान
और 3. अवधि ज्ञान, ये तीन ज्ञान तीर्थ करके जन्म से ही होते हैं, three kind of knowl
edge. त्रिमूढ़ता, तिमूढदा, देवमूढ़ता, गुरुमूढ़ता, लोकमूढ़ता,
three kind of mudata. त्रिवर्ग, तिसग्ग, धर्म, अर्थ, काम, three varga. त्रिषष्टिपुरुष, तिसट्ठिपुरिस,24 तीर्थकर, 12 चक्रवर्ती,
१ नारायण,9 प्रतिनारायण, बलभद्र ये त्रिषष्टि पुरुष 63 शलाका पुरुष कहलाते हैं, sixty
three powerful men. त्रिविध, तिविह, तीन प्रकार का, three time. त्रैकाल्य, तेकल्ल, भूत, भविष्यत्, वर्तमान काल,
three time.
धनुष, धणुह, चार हाथ का एक धनुष होता है,a
masser. धर्म, धम्मो, जो जीव और पुदगल की गति में सहायक
हो, • धर्म द्रव्य। धर्म वस्तु स्वभाव, helped
by jiva pudgala. धर्मचक्र, धम्मचक्क, तीर्थकरक केवलज्ञान हो चुकने
पर प्रकट होने वाला देवोपनीत उपकरण इसमे एक हजार अर होते हैं, और वह सूर्य के समान देदीप्यमान रहता है, विहार के समय तीर्थ करके . आगे-आगे चलता है। religious wheel. धर्म्यध्यान, धम्मज्झाण, ध्यान का एक भेद, 1.
आज्ञविचय,2. अपायविचय,3. विपाकविचय, 4. संस्थान विचय, a meditation.
दण्ड, दंड, चार हाथ का एक दण्ड होता है,a mea____ surement. दर्शन, दसणं, पदार्थों को अनाकार-निर्विकल्प जानना,
knowing of think of unkind. दर्शनमोह, दसणमोह, मोहनीयकर्म का एक भेद जो
सम्यग्दर्शन गुण को घातता है, a kind of moha.
नय.णय.जो वस्त के एक धर्म (नित्यत्व-अनित्यत्व
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