Book Title: Sanskrit Prakrit Hindi Evam English Shabdakosh Part 03
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: New Bharatiya Book Corporation
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संस्कृत-प्राकृत-हिन्दी एवं अंग्रेजी शब्द कोश
- 1481
river, शीलसहस्रांशुतेजसेव शुष्यत्सलिलासा
सरिदेव। शूकः, सूगो, पुं० [शिव + कक्] जौ की बाल, the
awnof barley,bread,• दयाभाव, pity nature, • शूकः स्यादनुकम्पायाम्। इति।
विलो० शूकं, सूगं, नपुं० पौधों के रोएं, sharp hair of
____plant. शुकं, सुगं, नपुं० नोक, अग्रभाग, सिरा, किनारा,
point, tip, • करुणा, कोमलता, • विषैला
कीड़ा, a kind of poisonous insect. शूककीकः, सूगकीगो, पुं० रोएदार कीड़ा, barley
insect. शूकधान्यं, सूगधण्णं, नपुं० टूट से निकला धन्य,a
__kind of insect. शकरः, सूगरो, पुं० [शू इत्यव्यक्तं शब्दं करोति - श
+ कृ + अच्], pig, • सूअर, सूकर,a hog. शूकरेष्टः, सूगरेटो, पुं० मोथा, नागरमोथा, एक घास
fasta, a kind of grass. शूकलः, सूगलो, पुं० [शूकवत् क्लेश ददाति - शूक
+ ला + क] अड़ियल अश्व, a restive
horse. शूद्रः, सुद्दो, पुं० [शुच् + रक्], • संस्कार हीन,
principleless, ब्राह्मण्या अपि शूद्रत्व, संस्काराभावतोऽवन्तः। (हित० सं० 24),. भ्रष्टाचार प्रहीण (जयो० 5/102), 'शूद्रो भ्रष्टाचारः प्रहीणो ना जनः स' (जयो० वृ० 5/102), • शिल्पकार, शिल्पी व्यक्ति, जो नक्कासी आदि करता है, a man of the fourth class, करकौशलेन च कलाबलेन, कुंभादिनर्तनादिबला। शुश्रूषणं हि शूद्रा, जीवा खल विश्वतो मुद्रा। (जयो 2/114) 'कारुः शिल्पी कुशील वो, नटस्तस्य कर्म नर्तनम्। एतद्विद्याकर्मण उपलक्षणम्। तस्मिनं रतेष शिल्पविद्योप, जीविशूद्रेषु संस्कारधारा नास्ति। परपरागत-गर्भाधानादिक्रिया न विद्यते । (जयोः वृ० 2/111) पिण्डशुद्धेरभावत्वान्मधमांस-निवेषणात्। न्यग्वृत्तेश्चाक्रियाचारच्छूद्रेष्व
मोक्षवम॑ता। (हित० सं० 24), हस्तादिकौशल हिल्पमहावस्तुविभावने। शूद्राणं वृत्तये साधु, साधनं स महीशिता।। (हित० सं० १) नृत्य-गान-वादित्रादि, विधिना वर्तनं पुनः! विद्येति नामतः ख्यातः विधिना वर्तनं पुनः। विद्येति नामतः ख्यातः तेषामेवामुना परम्।। (हित० 10),• चार वर्षों में चतुर्थ वर्ण, a man of the last the four principalless, • तुच्छ, अधम, परम्परा
विहीन। शूद्रकः, सुद्दगो, पुं० मृच्छकटिकं नाटक का प्रसिद्ध
रचनाकार, जिसने जन-जीवन की यथार्थता का परिचय देने के लिए पात्रोचित भाषा का प्रयोग भी किया है। इस रचनाकार ने शकारी, मागश्री, चाण्डाली शौरसेनी महाराष्ट्री आदि का प्रयोग बहुतायत किया है। इसमें जहाँ संस्कृत को। (15 से 20) ही स्थान मिल पाया है, वहाँ विविध प्राकृतों को 80 प्रतिशत से 85 प्रतिशत स्थान मिला है। of a king, the reputed
author of the mrichchakatika. शूद्रकृत्य, सुद्दकिच्च, नपुं० शूद्र कार्य, क्षुद्र कार्य, the
duties of sudra. शूद्रजातिः, सुद्दजाइ, स्त्री शिल्पकला प्रवीण जाति.
artful caste. शुद्धत्व, सुद्दत्तं, वि० सुच्छता, निम्न का सेवन, be
ing the servant of a sudra. शूद्रधमः, सुद्दधम्मो, पुं० शूद्र का कर्तव्य, work of
principalless. शूद्रपात्रं, सुद-पत्तं, नपुं० शिल्प युक्त पात्र, नक्कासी
युक्त पात्र, artist. शूद्रपियः, सुद्दपिओ, पुं० शिल्पप्रिये, love of art. शूद्रवर्णः, सुद्द-वण्णो, पुं० पामर वर्ण, service
class. शूद्रवर्णत्व, सुद्द-वण्णत्तं, वि० पामरत्व, serviceful,
'शूद्राणामाधिक्यं।' शूद्रा, सुद्दा, स्त्री० शूद्रा नामक दासी, a woman of
the sudra tribe, एको दूरात्त्यजति मदिरां ब्राह्मणत्वभिमाना-दन्यः शूद्रः स्वयमहमिति
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