Book Title: Sanmati Tark Prakaran Part 03
Author(s): Abhaydevsuri
Publisher: Divya Darshan Trust
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३८०
सम्मतितर्कप्रकरण-काण्ड-१ परिशिष्ट-२ प्रथमकाण्ड - तृतीयखंडे मूलगाथा - अकारादि गावा-आघांश गाथा/पृष्ठ | गाथा-आपरा
गाथा/पृष्ठ अण्णोण्णाणुगयाणं इमं... .............. ४७/३६६ | तह सव्वे णयवाया.....................
२५/२८१ अत्यंतरभूएहि य णियएहि .............. ३६/३३६ | तेहिं अतीताणागय .....
४६/३६० अस्थित्ति णिव्वियप्पं .......
३३/३३२ | दव्वं पज्जवविउयं दव्वविउत्ता ............... १२/२४८ अह देसो सम्भावे .
....३७/३४९ | दव्वढिओ ति तम्हा ........ .....९/२४५ आइट्ठोऽसम्भावे देसो
३९/३५१ दव्ववियवत्तव्यं अवत्थु .. ......१०/२४६ इहरा समूहसिद्धो ................ २७/२८४ दव्वद्वियवत्तव्वं सव्वं...
...... २९/३०६ उप(प्प)ज्जति वियंति य.
११/२४८ दव्वद्वियस्य आया बंधइ .. .....५१/३७४ एए पुण संगहओ...... १३/२६८ दव्वट्ठियस्स जो चेव.
...५२/३७५ एगदवियम्मि जे अत्थ ३१/३०९ | नाम ठवणा दविएत्ति..
..६/१६७ एवं एगे आया एगे .....
४९/३६८ | पबवणयबोकन्तं वत्थु .
प वणवाकान्त वत्थु .......................८/२४४ एवं सत्तविवप्पो ........................ ४१/३५४ | पजबणिस्सामनं वयणं......................७/२४१ कम्मं जोगनिमित्तं बज्झइ ...... १९/२७३ | पडिपुण्णजोबणगुणो जह ................ ... ४३/३५७ जह एए तह अण्णे ....... १५/२६९
५४/३७६ जह दवियमप्पियं तं.......
४२/३५६ पुरिसम्मि पुरिससद्दो ..... ................. ३२/३१० जह पुण ते वेव मणी.
२४/२८१ | बंधम्मि अपूरन्ते संसार .................... २०/२७५ ................ २२/२८०
......... ५/१ जाइ-कुल-रूब-लक्खण ................
रूआइपजवा जे देहे .......................४८/३६७ जे वयणिजवियप्पा . ५३/३७५ | लोइय-परिच्छयसुहो...
२६/२८३ ण य तइओ अस्थि ..
.............
१४/२६८ | बंजणपज्जायस्स उ पुरिसो.. ............... ३४/३३३ ण य दव्बद्विवपक्खे. .......... १७/२७१ | सब्भावे आइये देसो .....
३८/३५० जय बाहिरओ भावों..
५०/३६९ सबभावेऽसब्बावे देसो ................. ४०/३५२ जय होइ बोलणत्यो ............ ४४/३५८ सवियप्प-णिजियप्पं इय ................... ३५/३३४ भिवववयणिजसचा सब्बनया ............ २८/३०५ सव्वणयसमूहम्मि बि पत्थि ................१६/२७० तम्हा सब्वे बि गया....................... २९/२७६ | सुह-दुक्खसम्पओगो ल....................१८/२७२ तह णिययवाबसुविणिच्छिया ............... २३/२८० | सो उण समासओ च्चिय.................
....३०/३०७
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