Book Title: Sanmati Tark Prakaran Part 03
Author(s): Abhaydevsuri
Publisher: Divya Darshan Trust

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Page 398
________________ व्याख्यान्तर्गत उद्धृतपाठ-अकारादि ३७९ उद्धरणांश: पृष्ठ/पंक्ति | उद्धरणांश: पृष्ठ/पंक्ति भावान्तरविनिर्मुक्तो... ( )... ....११/६ | वार्यते केनचिन्नापि....(श्लो.वा.प्रत्यक्ष.२३६). ६/१५ भावे ह्येष विकल्पः...(प्र० वा० ३-२७९). ४८/१० | विभाषा ग्रहः (३-१-१४३ सिद्धान्त भूतिर्येषां क्रिया सैव.....( )................ ३७५/६ कौ० अं० २९०५) ............... २४०/८ मायोपमाः सर्वे धर्माः ( )................. १६३/१० | विशेषहेतवस्तेषां प्रत्ययाः... यत् क्वचिद् दृष्टान्(टम्)... __(हेतुबिन्दुटीका-पृ०१३१).............. ३९/३ (हेतुबिन्दु टीकाग्रन्थे पृ०१६ मध्ये) .... १६/८ | षट्केन युगपद्ययोगात्...( ).............. १६२/२ यथा विशुद्धमाकाशं...( )................... १७५/३ | स एवाऽविनाभावो... ( ) ........... २०३/३ यथाऽसादृश्ये (पाणि० २-१-७)............ २८२/२ | स हि बहिर्देशसम्बन्धः(?द्धः)... यन्न निश्चीयते रूपं... (त.सं.पंजिकायामुद्धृतः) १७२/५ (मीमां० द० ७/२३) ............... १२०/१ यस्माद् उच्चरितात्...( ) .................... ३१२/१ | संसरति निरुपभोगं भावैर... यावन्तो यादृशा ये च... (सांङ्ख्य का० ४०)................ २७३/४ (श्लो॰वा० स्फो० ६९) ............ ३२२/९ | सर्व एवायमनुमाना...( ).................... १६५/३ लक्षणयुक्ते बाधासम्भवे...( ) ............... २०६/२ सर्वदा सदुपायानां वादमार्गः...(श्लो० वा० वक्ता न हि क्रम.... निरा० लो० १२८-१२९) .......... १६४/६ (श्लो० वा० शब्द० लो० २८८) ३२२/१३ | सामान्यप्रत्यक्षात् विशेषा..... वचनं राजकीयं वा...(लो.वा.प्रत्यक्ष.२३५)... ६/१३ (वैशे० द०-२।२।१७) .............. ३६४/३ वाग्रूपता चेद् व्युत्क्रामेद..... | स्वभावेऽप्यविना...(प्र.वा.३-३९) ............. १४/४ (वाक्यप०१-११५) ................. १७०/१ । Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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