Book Title: Sanmati Tark Prakaran Part 03
Author(s): Abhaydevsuri
Publisher: Divya Darshan Trust
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३८२
सन्मतितर्कप्रकरण
भूतपूर्वसम्पादकसंगृहीतानि परिशिष्टानि -१
सन्मतिमूलगायानामकाराद्यनुक्रमः।
गाथा
गायक 1-7 ३-२५ ३-६३ २-२५ ३-६० ३-२० १-१८
३-५५
३-६५
१-२३
२-३५
१-४६
गाथा अगु दुमणुएहि दवे भण्णायं पासंतो भण्णोण्णाणुगयाणं अरिय भविणासपम्मी अस्थि तिमिबियप्पं अत्यंतरभूएहि य अहिट्ट अण्णायं च अह देसो सम्भावे अह पुण पुन्वपयुत्तो भामहोऽसम्भावे इहरा समूहसिनो उपजमाणकाल उप(प)ति वियति य उप्पागो दुवियप्पो एए पुण सगरओ एगदबियम्मि जे अत्यएगसमयम्मि एगदवियत्स एगतणिव्विसेस एयंतपक्षवाओ एयंताऽसन्भूयं एवं एगे आया एवं जिणपण्णत्ते एवं जीवदव्यं एवं सत्तवियप्पो एवं सेसिंदियदसणम्मि कम्म जोगनिमित्तं काय-मण-नयणकिरियाकालो सहाय णियई कुंभो ण जीवदवियं केई भणति जझ्या केवलणाणमणतं केबलणाणावरणक्खयकेवलगाणं साई को उप्पायतो गरपरिगयं गई पेर गुणनिम्नत्तियसन्गा
गायांक
गायक। गाथा ३-१९ गुणसरमंतरेणावि
३-१४ णय होह जोमणत्यो २-१३
बक्खुअचवखुअवहि- २-२. ण विभत्यि भण्णवारो -७ चरण-करणप्पहाणा
णहु सासणभत्तीमत्तएण जाओग्गहमेत
१-२३ णाणं अपुढे नबिसये जह सन्चं सायारे
२-१. णाणं किरियारहियं १-३५ जह एए तह भण्णे
जियमेण सदहतो २-१२ | जद कोइ सद्विवरिसो २.४. णिययषयणिजसथा -10|जह जह बहुस्सुओ संमओय ३.६६
तम्हा भण्णो जीवो | जहणेयलक्षणगुणा १-१२
तम्हा महिगयसुतेण जह दवियमप्पियं तं
तम्हा बउबिभागो 1-२७ जह दस दसगुणम्मिय
तम्हा सम्वे विजया जह पुण ते देव मणी १-२४ तह णिययवायसुविनिच्छिया जह संबन्धविसिट्ठो
३-१८ तह सव्वे णयवाया ३-३२ जाइ-ल-रुव-लक्षण
तिमिनि व्यायाई १-१३ जावड्या बयणवहा
तित्ययरवयणसंगह१-३१ जीवो अणाइणिहणो केबल
ते उभयणोपणीया जीवो अणाहणिहणो जीर- २-१३ | तेहिं मतीताणागयजुजा संबन्धनसा
दव्बढिओ ति तम्हा जेण मणोनिसयगयाण २-१९ दवडिओ वि होऊम जेण बिणा लोगस्स (पाठान्तर)पृ.७५ दयट्ठियनयपयडी जे पयणिजवियष्णा १-५३ दमट्टियवत्त अवत्यु जे संतवाय दोसे
1-4.| दमट्टियवत्तमं सवं २-४१ जे संघयगाईया
२-३५/ दमढियवत्तवं सामण्ण मोमाउंचणकालो 1-३६ बढियस्स आया २-२४
| जो हेउरायपक्सम्मि ३-४५ बरियस्स जो घेर कुणह जंभप्पुट्ठा भावा
२-२१
रखत्यंतरभूया ३-१२ जं मप्पुढे भावे
इन्वंतरसंजोगाहि जंकाबिलं दरिसणं
दमस्स ठिई जम्म-दिगमा जंच पुण परिहया ३-" दलं खितं झालं २-४ जं पचक्सग्गहणं
२-२८| इन्वं जहा परिणर्य जपन्ति भत्यि समये ३-४] दबं पजव विजय सामण्णग्गहर्ण
२-१ दुबिहो धम्माचाओ २-१४ णत्यि गणियोग कुणा ३-५४| रे ता अण्णतं
३-७| ण य तामओ मत्यि गओ १-१४ दो उण णया भगवया 1-२९ गय बाडियपक्खे
दोहि विगएहि णीम 1-1.|यबाहिरमो भाषो १-५.|सणणागापरणक्सए
३-२,
१-२९
1-५१
३-२४ २-३८ १-२३
३.४८
३-४३
1-४९
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