Book Title: Sanmati Tark Prakaran Part 03
Author(s): Abhaydevsuri
Publisher: Divya Darshan Trust

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Page 472
________________ परिशिष्ट ८ - सम्मतिटीशागता पार्सनिकाः पारिमारिकाम भन्दा।। एकलपाहिन ३१ एकलप्रतिपत्ति ३४२ एक्लवितर्काविचार ७३५ एकलव्यबहारश्रान्तता ४०४ एकलसिदि ८७ एकदण्ड ४५३ एकरूपोपलम्भ ३१ एकविज्ञानजनक-क्षण २६३ एकसन्तान ३६७ एकसन्तानमाश्रय २७ एक-समवाय ६५७ एकसामध्यधीनल १२२ एकसूत्रभारनियमित-अनेकस्थपत्यादिनि वरी ३० एकाकारप्रत्ययगोचर एकाकारासविद् ३.५ एकादश-इन्द्रिय २८०,२८२ एकान्तनिर्गतविशेष ६२७ एकान्तविशेष ६२८ एकान्तोस्छेद एवम्भूत २८५,३१.,110,३४५,३७८ एपणीय ७५१ बर्तृता १८,२, कारणत्रयाभाव २८ कर्तृ-भोक्त-खभाष १० कारणल ५४ कर्म-उपभोग १५९ कारणनिवृत्ति ४ कर्मर्तृक्रियान्यास्था ३५५ कारणमेद २,७७ कर्मकर्तृरूपलासिद्धि ४१ कारणव्यापार ४२३ कर्मक्षय ...,१३३ कारणसमाय.८ कर्मक्षयकारण ७५४ कारणसामधी ४१४,५३. कर्मक्षयार्थ १५ कारणस्वरूप-प्रागभाव ३.५ कर्मल ४७३(v) कारणात्मिकाशक्ति ३८५ वर्मन् १-२,१.१५.१८,६८६ | कारणानुपलम्भ २१ (.),१४,१५,७३३ कारणायत्त-कार्यसभाव ४." कर्मपरतत्र १३. कारुण्यप्रेरित ९९ कर्मप्रकृति ७३५ कार्मणशरीर ९२, कर्म-प्रक्षय १५९ कार्य ३,२८९ कर्मफल ३.० कार्यकारण ८९ कर्मबन्ध ७३५ कार्यकारणभार ५,५७,८७,११,२१८, कर्मबन्धहेतुता ४९ ३३२,३३३,७२७ कर्मयोग्य पुद्गलात्मकप्रदेश ७१६ कार्यकारणव्यवस्था १२V कर्मलक्षण १५. कार्यकारणव्यवस्था निरन्धन १२४ कर्मवर्गणापुदल १३ कार्यक्रमाभ्युपगम ४.. कर्मविनाश १५० कार्य किया-अयोग .२६ कर्मादि-सामध्यभार" कार्यगम्य-नियतब २७. कर्माशय ६९.. कार्यता ४८ कर्मेन्धन ९ कार्यभेद ४४ कमैकान्तराद १५ कार्यललभण-हेतु २४ कर्मोत्पत्ति कार्यलिनप्रभर ३५२ कल्पना २. कार्यशून्यता ७.५ कल्पनाविरचितलि प्रभख ५६४ कार्यहेतुसमुत्य २,३ बलाहा( ६१,६३ कार्यात्मा-वंसाभार ३४५ करलाहारपरिकल्पना 14 कार्याभिव्यक्त ४२३ (६) करलाहरित ६" कार्याप्तस्व २८३ कपाय ७४७ कायात्पादन ४२३ काकतालीयन्याय ५७ कार्योत्पादानुमान ५६२ कादाचित्रुता ४.५ काल २५७,५७१,६५४,६५५ (३), कायक्रियोत्पत्ति ६५. ६६८ (६) 0", ,१६, काय-विज्ञानलक्षण्य ९. १७७३२,७३४ कायोत्पत्ति ६५० काल कृतपरखापरख ६८१ काररु २५ कालत्रयप्रदर्शिप्रत्यक्ष ३३८ कारकव्यापारसाफल्य ४२३ कालत्रयशून्य ७३९ कारकसाकत्य ४७२,४७३ कालभेद २३,२४,२८७,२५४ कारण 11८,२५४,२८१,७१४ कालव्यतिरेक २५८ कारणकलाप ४७" कालस्वभाव-नियति-पूर्वकृत-पुरुषकारकारणकार्यविभाग २८(८) णरूप .(५) कारणजातिमेद ४४ बालात्ययापदिष्टल ७२३ ऐकलिउत्पाद ६४१,६४२ ऐकमय 1.. . ऐशर्य ओ औधिकोपाधि ७५१ आत्पत्तिक ३८६ भौदारिकव्यपदेश ६७ औदारिकशरीरव ६० औदारिकादशेषशरीर १६ औपचारिक ८०,२६१ औपशमिकभाव ५९६ व्यक्तिप्रतिपक्षसह १८ कथञ्चित्साहश्य २५५ कथा ४.५ कथात्रय ५६० करण ७५५ काणत्व ४७३ करुणा .. करुणाप्रवृत्त १३. कर्तृ ९५.1,016 Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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