Book Title: Sangit Ratnakar Part 01 Kalanidhi Sudhakara
Author(s): Sarangdev, Kalinatha, Simhabhupala
Publisher: Adyar Library
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(४) ६४१] अनुबन्धः
३३९ सपगनिधरि, पसगनिधरि, गपसनिधरि, पगसनिधरि, सगनिपधरि, गसनिपधरि, सनिगपरि, निसगपधरि, गनिसपधरि, निगसपधरि, सपनिगधरि, पसनिगधरि, सनिपगधरि, निसपगधरि, पनिसगरि, निपसगधरि, गपनिसधरि, पगनिसधरि, गनिपसधरि, निगपसधरि, पनिगसधरि, निपगसधरि, सगधनिपरि, गसधनिपरि, सधगनिपरि, धसगनिपरि, गधसनिपरि, धगसनिपरि, सगनिधपरि, गसनिधपरि, सनिगधपरि, निसगधपरि, गनिसधपरि, निगसधपरि, सधनिगपरि, धसनिगपरि, सनिधगपरि, निसधगपरि, धनिसगपरि, निधसगपरि, गधनिसपरि, धगनिसपरि, गनिधसपरि, निगधसपरि, धनिगसपरि, निधगसपरि, सपधनिगरि, पसधनिगरि, सधपनिगरि, धसपनिगरि, पधसनिगरि, धपसनिगरि, सपनिधगरि, पसनिधगरि,०० सनिपधगरि, निसपधगरि, पनिसधगरि, निपसधगरि, सधनिपगरि, धसनिपगरि, सनिधपगरि, निसधपगरि, धनिसपगरि, निधसपगरि, पधनिसगरि, धपनिसगरि, पनिधसगरि, निपधसगरि, धनिपसगरि, निधपसगरि, गपधनिसरि, पगधनिसरि, गधपनिसरि, धगपनिसरि, पधगनिसरि, धपगनिसरि, गपनिधसरि, पगनिधसरि, गनिपधसरि, निगपधसरि, पनिगधसरि, निपगधसरि, गधनिपसरि, धगनिपसरि,°° गनिधपसरि, निगधपसरि, धनिगपसरि, निधगपसरि, पधनिगसरि, धपनिगसरि, पनिधगसरि, निपधगसरि, धनिपगसरि, निधपगसरि,००० रिंगपधनिस, गरिपधनिस, रिपगधनिस, परिगधनिस, गपरिधनिस, पगरिधनिस, रिगधपनिस, गरिधपनिस, रिधगपनिस, धरिगपनिस,° गधरिपनिस, धगरिपनिस, रिपधगनिस, परिधगनिस, रिधपगनिस, धरिपगनिस, पधरिगनिस, धपरिगनिस, गपधरिनिस, पगधरिनिस, गधपरिनिस, धगपरिनिस, पधगरिनिस, धपगरिनिस, रिंगपनिधस, गरिपनिधस, रिपगनिधस, परिगनिधस, गपरिनिधस, पगरिनिधस, रिगनिपधस, गरिनिपधस, रिनिगपधस, निरिगपधस, गनिरिपधस, निगरिपधस, रिपनिगधस, परिनिगधस, रिनिपगधस, निरिपगधस,° पनिरिंगधस,
111111111111111111111 Williiiiiiiiiii
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