Book Title: Sangit Ratnakar Part 01 Kalanidhi Sudhakara
Author(s): Sarangdev, Kalinatha, Simhabhupala
Publisher: Adyar Library

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Page 404
________________ ३६२ संगीतरत्नाकरः [सं० ७२९समरिगपनिध, मसरिगपनिध,३° रिमसगपनिध, मरिसगपनिध, सगमरिपनिध, गसमरिपनिध, समगरिपनिध, मसगरिपनिध, गमसरिपनिध, मगसरिपनिध, रिगमसपनिध, गरिमसपनिध, ° रिमगसपनिध, मरिगसपनिध, गमरिसपनिध, मगरिसपनिध, सरिगपमनिध, रिसगपमनिध, सगरिपमनिध, गसरिपमनिध, रिगसपमनिध, गरिसपमनिध,° सरिपगमनिध, रिसपगमनिध, सपरिगमनिध, पसरिगमनिध, रिपसगमनिध, परिसगमनिध, सगपरिमनिध, गसपरिमनिध, सपगरिमनिध, पसगरिमनिध, गपसरिमनिध, पगसरिमनिध, रिगपसमनिध, गरिपसमनिध, रिपगसमनिध, परिगसमनिध, गपरिसमनिध, पगरिसमनिध, सरिमपगनिध, रिसमपगनिध,'° समरिपगनिध, मसरिपगनिध, रिमसपगनिध, मरिसपगनिध, सरिपमगनिध, रिसपमगनिध, सपरिमगनिध, पसरिमगनिध, रिपसमगनिध, परिसमगनिध, ° समपरिगनिध, मसपरिगनिध, सपमरिगनिध, पसमरिगनिध, मपसरिगनिध, पमसरिगनिध, रिमपसगनिध, मरिपसगनिध, रिपमसगनिध, परिमसगनिध,° मपरिसगनिध, पमरिसगनिध, सगमपरिनिध, गसमपरिनिध, समगपरिनिध, मसगपरिनिध, गमसपरिनिध, मगसपरिनिध, सगपमरिनिध, गसपमरिनिध,80° सपगमरिनिध, पसगमरिनिध, गपसमरिनिध, पगसमरिनिध, समपगरिनिध, मसपगरिनिध, सपमगरिनिध, पसमगरिनिध, मपसगरिनिध, पमसगरिनिध, गमपसरिनिध, मगपसरिनिध, गपमसरिनिध, पगमसरिनिध, मपगसरिनिध, पमगसरिनिध, रिगमपसनिध, गरिमपसनिध, रिमगपसनिध, मरिगपसनिध,२° गमरिपसनिध, मगरिपसनिध, रिगपमसनिध, गरिपमसनिध, रिपगमसनिध, परिगमसनिध, गपरिमसनिध, पगरिमसनिध, रिमपगसनिध, मरिपगसनिध, ° रिपमगसनिध, परिमगसनिध, मपरिगसनिध, पमरिगसनिध, गमपरिसनिध, मगपरिसनिध, गपमरिसनिध, पगमरिसनिध, मपगरिसनिध, पमगरिसनिध,° सरिगमनिपध, रिसगमनिपध, सगरिमनिपध, गसरिमनिपध, रिगसमनिपध, गरिसमनिपध, सरिमगनिपध, ग्सिमगनिपध, समरिगनिपध, मसरिगनिपध, रिमसगनिपध, मरिसगनिपध, सगमरिनिपध, गसमरिनिपध, समगरिनिपध, मसगरिनिपध, गमसरिनिपध, मगसरिनिपध, रिगमसनिपध, गरिमसनिपध,७° रिमगमनिपध, मरिगसनिपध, गमरिसनिपध, Scanned by Gitarth Ganga Research Institute

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