Book Title: Sangit Ratnakar Part 01 Kalanidhi Sudhakara
Author(s): Sarangdev, Kalinatha, Simhabhupala
Publisher: Adyar Library

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Page 423
________________ ३४२८] अनुबन्धः ३८१ धरिसनिपमग, सरिनिधपमग, रिसनिधपमग, सनिरिधपमग, निसरिधपमग, रिनिसधपमग, निरिसधपमग,३०° सधनिरिपमग, धसनिरिपमग, सनिधरिपमग, निसधरिपमग, धनिसरिपमग, निधसरिपमग, रिधनिसपमग, धरिनिसपमग, रिनिधसपमग, निरिधसपमग, धनिरिसपमग, निधरिसपमग, सपधनिरिमग, पसधनिरिमग, सधपनिरिमग, धसपनिरिमग, पधसनिरिमग, धपसनिरिमग, सपनिधरिमग, पसनिधरिमग, सनिपधरिमग, निसपरिमग, पनिसधरिमग, निपसधरिमग, सधनिपरिमग, धसनिपरिमग, सनिधपरिमग, निसधपरिमग, धनिसपरिमग, निधसपरिमग,° पधनिसरिमग, धपनिसरिमग, पनिधसरिमग, निपधसरिमग, धनिपसरिमग, निधपसरिमग, रिपधनिसमग, परिधनिसमग, ग्धिपनिसमग, धग्पिनिसमग,° पधरिनिसमग, धपरिनिसमग, रिपनिधसमग, परिनिधसमग, रिनिपधसमग, निरिपधसमग, पनिरिधसमग, निपरिधसमग, रिधनिपसमग, धरिनिपसमग,° रिनिधपसमग, निरिधपसमग, धनिरिपसमग, निधरिपसमग, पधनिरिसमग, धपनिरिसमग, पनिधरिसमग, निपधरिसमग, धनिपरिसमग, निधपरिसमग, समपधनिरिंग, मसपधनिरिंग, सपमधनिरिंग, पसमधनिरिग, मपसधनिरिंग, पमसधनिरिंग, समधपनिरिंग, मसधपनिरिंग, सधमपनिरिंग, धसमपनिग्गि,7° मधसपनिरिंग, धमसपनिरिग, सपधमनिरिप, पसधमनिरिग, सधपमनिरिग, धसपमनिरिंग, पधसमनिरिग, धपसमनिरिंग, मपधमनिरिंग, पमधसनिरिग, मधपसनिरिंग, धमपसनिरिंग, पधमसनिरिंग, धपमसनिरिग, समपनिधरिंग, मसपनिधरिंग, सपमनिधरिग, पसमनिधरिंग, मपसनिधरिंग, पमसनिधरिग, ° समनिपधरिंग, मसनिपधरिग, सनिमपधरिंग, निसमपधरिंग, मनिसपधग्गि, निमसपधग्गि, सपनिमधरिंग, पसनिमधग्गि, सनिपमधरिंग, निसपमधरिंग, ०° पनिसमधरिंग, निपसमधरिंग, मपनिसधरिंग, पमनिसधरिग, मनिपसधरिग, निमपसधरिंग, पनिमसधरिग, निपमसधरिंग, समधनिपरिग, मसधनिपरिग, सधमनिपरिग, धसमनिपरिंग, मधसनिपरिंग, धमसनिपरिग, समनिधपरिग, मसनिधपरिग, सनिमधपरिग, निसमधपरिंग, मनिसधपरिग, निमसधपरिग, सधनिमपरिग, धसनिमपरिग, सनिधमपरिग, निसधमपरिग, धनिसमपरिग, निधसमपरिग, मधनिसपरिग, धमनिसपरिंग, Scanned by Gitarth Ganga Research Institute

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