Book Title: Sangit Ratnakar Part 01 Kalanidhi Sudhakara
Author(s): Sarangdev, Kalinatha, Simhabhupala
Publisher: Adyar Library

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Page 427
________________ ३९६८] अनुबन्धः ३८५ निपगमसधरि, मपनिगसधरि, पमनिगसधरि, मनिपगमधरि, निमपगसधरि, पनिमगसधरि, निपमगसधरि, सगमधनिपरि, गसमधनिपरि, समगधनिपरि, मसगधनिपरि, गमसधनिपरि, मगसधनिपरि, सगधमनिपरि, गसधमनिपरि, सधगमनिपरि, धसगमनिपरि, गधसमनिपरि, धगसमनिपरि, समधगनिपरि, मसधगनिपरि, सधमगनिपरि, धसमगनिपरि, मधसगनिपरि, धमसगनिपरि, गमधसनिपरि, मगधसनिपगि, गधमसनिपरि, धगमसनिपरि, मधगसनिपरि, धमगसनिपरि, सगमनिधपरि, गसमनिधपरि, समगनिधपरि, मसगनिधपरि, गमसनिधपरि, मगसनिधपरि, सगनिमधपरि, गसनिमधपरि सनिगमधपरि, निसगमधपरि, गनिसमधपरि, निगसमधपरि, समनिगधपरि, मसनिगधपरि, मनिमगधपरि, निसमगधपरि, मनिसगधपरि, निमसगधपरि, गमनिसधपरि, मगनिसधपरि, गनिमसधपरि, निगमसधपरि, मनिगसधपरि, निमगसधपरि, सगधनिमपरि, गसधनिमपरि,° सधगनिमपरि, धसगनिमपरि, गधसनिमपरि, धगसनिमपरि, सगनिधमपरि, गसनिधमपरि, सनिगधमपरि, निसगधमपरि, गनिसधमपरि, निगसधमपरि,००° सधनिगमपरि, धसनिगमपरि, सनिधगमपरि, निसधगमपरि, धनिसगमपरि, निधसगमपरि, गधनिसमपरि, धगनिसमपरि, गनिधसमपरि, निगधसमपरि, धनिगसमपरि, निधगसमपरि, समधनिगपरि, मसधनिगपरि, सधमनिगपरि, धसमनिगपरि, मधसनिगपरि, धमसनिगपरि, समनिधगपरि, मसनिधगपरि, सनिमधगपरि, निसमधगपरि, मनिसधगपरि, निमसधगपरि, सधनिमगपरि, धसनिमगपरि, सनिधमगपरि, निसधमगपरि, धनिसमगपरि, निधसमगपरि, मधनिसगपरि, धमनिसगपरि, मनिधसगपरि, निमधसगपरि, धनिमसगपरि, निधमसगपरि, गमधनिसपरि, मगधनिसपरि, गधमनिसपरि, धगपनिसपरि,° मधगनिसपरि, धमगनिसपरि, गमनिधसपरि, मगनिधसपरि, गनिमधसपरि, निगमधसपरि, मनिगधसपरि, निमगधसपरि, गधनिमसपरि, धगनिमसपरि, गनिधमसपरि, निगधमसपरि, धनिगमसपरि, निधगमसपरि, मधनिगसपरि, धमनिगसपरि, मनिधगसपरि, निमधगसपरि, धनिमगसपरि, निधमगसपरि,° सगपधनिमरि, गसपनिमरि, सपगधनिमरि, पसगधनिमरि, गपसधनिमरि, पगसधनिमरि, सगधपनिमरि, गसधपनिमरि, Scanned by Gitarth Ganga Research Institute

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