Book Title: Sangit Ratnakar Part 01 Kalanidhi Sudhakara
Author(s): Sarangdev, Kalinatha, Simhabhupala
Publisher: Adyar Library
View full book text
________________
१२६८]
अनुबन्धः परिसनिमगध, सरिनिपमगध, रिसनिपमगध, सनिरिपमगध, निसरिपमगध, रिनिसपमगध, निरिसपमगध,° सपनिरिमगध, पसनिरिमगध, सनिपरिमगध, निसपरिमगध, पनिसरिमगध, निपसरिमगध, रिपनिसमगध, परिनिसमगध, रिनिपसमगध, निरिपसमगध,5° पनिरिसमगध, निपरिसमगध, समपनिरिगध, मसपनिरिगध, सपमनिरिगध, पसमनिरिगध, मपसनिरिगध, पमसनिरिगध, समनिपरिगध, मसनिपरिगध, ° सनिमपग्गिध, निसमपरिगध, मनिसपरिगध, निमसपरिगध, सपनिमरिगध, पसनिमरिगध, सनिपमरिंगध, निसपमरिगध, पनिसमरिगध, निपसमरिंगध,7° मपनिसरिगध, पमनिसरिंगध, मनिपसरिंगध, निमपसरिंगध, पनिमसरिंगध, निपमसरिंगध, रिमपनिसगध, मरिपनिसगध, रिपमनिसगध, परिमनिसगध, ° मपरिनिसगध, पमरिनिसगध, रिमनिपसगध, मरिनिपसगध, रिनिमपसगध, निरिमपसगध, मनिरिपसगध, निमरिपसगध, रिपनिमसगध, परिनिमसगध,° रिनिपमसगध, निरिपमसगध, पनिरिमसगध, निपरिमसगध, मपनिरिसगध, पमनिरिसगध, मनिपरिसगध, निमपरिसगध, पनिमरिसगध, निपमरिसगध,20° सगमपनिरिध, गसमपनिरिध, समगपनिरिध, मसगपनिरिध, गमसपनिरिध, मगसपनिरिध, सगपमनिरिध, गसपमनिरिध, सपगमनिरिध, पसगमनिरिध, गपसमनिरिध, पगसमनिरिध, समपगनिरिध, मसपगनिरिध, सपमगनिरिध, पसमगनिरिध, मपसगनिरिध, पमसगनिरिध, गमपसनिरिध, मगपसनिरिध, गपमसनिरिध पगमसनिरिध, मपगसनिरिध, पमगसनिरिध, सगमनिपरिध, गसमनिपरिध, समगनिपरिध, मसगनिपरिध, गमसनिपरिध, मगसनिपरिध,३° सगनिमपरिध, गसनिमपरिध, सनिगमपरिध, निसगमपरिध, गनिसमपरिध, निगसमपरिध, समनिगपरिध, मसनिगपरिध, मनिमगपरिध, निसमगपरिध, मनिसगपरिध, निमसगपरिध, गमनिसपरिध, मगनिसपरिध, गनिमसपरिध, निगमसपरिध, मनिगसपरिध, निमगसपग्धि, सगपनिमग्धि, गसपनिमरिध, ° सपगनिमरिध, पसगनिमरिध, गपसनिमरिध, पगसनिमरिध, सगनिपमरिध, गसनिपमरिध, सनिगपमरिध, निसगपमरिध, गनिसपमरिध, निगसपमरिध, सपनिगमरिध, पसनिगमरिध, सनिपगमरिध, निसपगमरिध, पनिसगमरिध, निपसगमरिध, गपनिसमरिध, पगनिसमरिध,
Scanned by Gitarth Ganga Research Institute

Page Navigation
1 ... 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458