Book Title: Sangit Ratnakar Part 01 Kalanidhi Sudhakara
Author(s): Sarangdev, Kalinatha, Simhabhupala
Publisher: Adyar Library
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९९८] अनुबन्धः
३६३ मगरिसनिपध, सरिगनिमपध, रिसगनिमपध, सगरिनिमपध, गसरिनिमपध, रिगसनिमपध, गरिसनिमपध,' सरिनिगमपध, सिनिगमपध, सनिरिगमपध, निसरिंगमपध, रिनिसगमपध, निरिसगमपध, सगनिरिमपध, गसनिरिमपध, सनिगरिमपध, निसगरिमपध, गनिसरिमपध, निगसरिमपध, ग्गिनिसमपध, गरिनिसमपध, रिनिगसमपध, निरिगसमपध, गनिरिसमपध, निगरिसमपध, मरिमनिगपध, रिसमनिगपध,° समरिनिगपध, मसगिनिगपध, रिमसनिगपध, मरिस निगपध, सरिनिमगपध, रिसनिमगपध, सनिग्मिगपध, निसरिमगपध, रिनिसमगपध, निरिसमगपध,90° समनिरिगपध, मसनिरिगपध, सनिमरिगपध, निसमरिगपध, मनिसरिगपध, निमसग्गिपध, रिमनिसगपध, मरिनिसगपध, रिनिमसगपध, निरिमसगपध, मनिरिसगपध, निमरिसगपध, सगमनिरिपध, गसमनिरिपध, समगनिरिपध, मसगनिरिपध, गमसनिरिपध, मगसनिरिपध, सगनिमग्पिध, गसनिमरिपध, सनिगमरिपध, निसगमरिपध, गनिसमरिपध, निगसमरिपध, समनिगरिपध, मसनिगरिपध, सनिमगरिपध, निसमगरिपध, मनिसगरिपध, निमसगरिपध,° गमनिसरिपध, मगनिसरिपध, गनिमसरिपध, निगमसरिपध, मनिगसरिपध, निमगसरिपध, रिगमनिसपध, गरिमनिसपध, रिमगनिसपध, मरिगनिसपध,° गमरिनिसपध, मगरिनिसपध, रिगनिमसपध, गरिनिमसपध, रिनिगमसपध, निरिगमसपध, गनिरिमसपध, निगरिमसपध, रिमनिगसपध, मरिनिगसपध, रिनिमगसपध, निरिमगसपध, मनिरिगसपध, निमरिगसपध, गमनिरिसपध, मगनिरिसपध, गनिमरिसपध, निगमरिसपध, मनिगरिसपध, निमगरिसपध, सरिगपनिमध, रिसगपनिमध, सगरिपनिमध, गसरिपनिमध, रिगसपनिमध, गरिसपनिमध, सरिपगनिमध, रिसपगनिमध, सपरिगनिमध, पसरिगनिमध, रिपसगनिमध, परिसगनिमध, सगपरिनिमध, गसपरिनिमध, सपगरिनिमध, पसगरिनिमध, गपसरिनिमध, पगसरिनिमध, रिगपसनिमध, गरिपसनिमध,°° रिपगसनिमध, परिगसनिमध, गपरिसनिमध, पगरिसनिमध, सरिगनिपमध, रिसगनिपमध, सगरिनिपमध, गसरिनिपमध, ग्गिसनिपमध, गरिसनिपमध, सरिनिगपमध, रिसनिगपमध, सनिरिगपमध, निसरिगपमध, रिनिमगपमध, निरिसगपमध, सगनिरिपमध, गसनिरिपमध,
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