Book Title: Samyaktva Parakram 04 05
Author(s): Jawaharlal Acharya, Shobhachad Bharilla
Publisher: Jawahar Sahitya Samiti Bhinasar

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Page 5
________________ प्रकाशलीय. __'सम्यक्त्वपराक्रम' पाच भागो मे जवाहर किरणावली किरण, ८, ९ १०, ११, १२ के रूप मे पहले प्रकाशित हुआ था। उक्त भागो मे पहले तीन भाग अप्राप्य हो जाने और पाठको की माग को ध्यान में रखकर पुन उनके द्वितीय सस्करण प्रकाशित किये जा चुके हैं तथा चौथे और पाचवें भागो के भी अप्राप्य हो जाने से इन दोनो भागो को सयुक्त रूप मे पुन. प्रकाशित कर रहे हैं। सम्यक्त्वपराक्रम उत्तराध्ययन सूत्र का सर्वोत्कृष्ट अध्ययन है । इसमे प्राध्यात्मिक विकास का सजीव उपाय बताया गया है । पूज्य जवाहराचार्य ने अपने प्रवचनो के द्वारा इस अध्ययन की सरल से सरलतम व्याख्या कर प्राशय को समझने के लिये विशेष सुविधाजनक बना दिया है । जिससे साधारण-से साधारण पाठक अध्ययन की विशेषताओ को सरलता से समझ सकता है। धर्मनिष्ठ सुश्राविका बहिन श्री राजकु वरबाई मालू बीकानेर ने श्री जवाहर साहित्य समिति को साहित्य प्रकाशन के लिये धनराशि प्रदान की थी । बहिनश्री की भावना के अनुसार समिति की ओर से साहित्य प्रकाशन का कार्य चल रहा है । इस पुस्तक के द्वितीय सस्करण का प्रकाशन भी बहिनश्री की और से प्राप्त राशि से किया जा रहा है। सत्साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिये वहिनश्री की अनन्य निष्ठा चिर-स्मरणीय रहेगी।

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