Book Title: Saddharm Bodh
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Nanebai Lakhmichand Gaiakwad

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Page 47
________________ [ ४३ ] मत्स्यावतार, कूर्मा [कच्छा] वतार, बाराहवतार और नरसिंहावतार ऐसे चार अवतार पशु योनिमें धारण किए हैं, अब जरा विचार करो कि जिस योनी में जिसने अवतार धारण किये हैं उसको मारनेकी क्या वे आज्ञा देंगे ? और जिस योनी में ईश्वर अवतार धारण किया उस प्राणीका वध करनेवाला व भक्षण करनेवाले अधर्मी मनुष्यकी क्या गति व स्थिति होवेगी ? यह ऊपर हिंदू धर्मशास्त्र के प्रमाण बताए जिससे निश्चय होता है कि मनुष्योंका मांस आहार करना सो शास्त्रविरुद्ध है, महारोग उत्पन्न करने वाला है, महापातकका काम है, और दोनों लोक में दुःख देनेवाला है । मुसलमानी धर्मके शास्त्रार्थसे मांसभक्षणका निषेध [१] मुसलमानोंका जो " कुरान शरीफ " नामका सबसे बड़ा और सर्वमान्य शास्त्र हैं उसमें

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