Book Title: Saddharm Bodh
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Nanebai Lakhmichand Gaiakwad

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Page 58
________________ [ ५४ ] नीक वस्तुका आश्रय करके रहते हैं, उस वस्तु को जो अपन बिना देखे काममें लावेंगे तो उन जीवोंका घात हो जायगा, और जो विषारी प्राणी के वापरनेमें आगया तो अपने को भी दुःख होगा। पतली वस्तुको खुली रखनेका दोष दूध, दही, घृत, मक्खन, तक्र (छाछ ), तेल, पानी वगैरा पतली वस्तुका बरतन कभी भी खुले (उघड) नहीं रखना, क्यों कि उसमें त्रसजीव पडकर मृत्युको प्राप्त होते हैं, वस्तुकी भी खराबी होती है, और खानेमें आनेसे अनेक प्रकारके रोगों की उत्पत्ति होती है । त्रसजीवके घातके विविध प्रकार कितनेक अधर्मी लोग घरमें तथा गो आदिके वाडेमें मच्छर डास आदि जीवोंको मारनेके लिए धुआं करते हैं, माचा (पलंग) आदिमें खटमलको मारनेके लिए गरम २ पानी उसपर डालते हैं, तथा पानी में डुबाकर उनको मार डालते हैं, अनाजके

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