Book Title: Saddharm Bodh
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Nanebai Lakhmichand Gaiakwad

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Page 51
________________ ! १७ ] और भी मुसलमान धर्मके शास्त्रमें लिखा है कि-" कयामतके दिन मरे हुए मनुष्यों और पशु जिन्दे होकर जिस २ को जिस २ ने मारा है अथवा दुःख दिया है उन २ को वे वैसे ही मारेंगे और फिर ईश्वर पापी जीवोंको दोजख [नर्कवास] तथा धर्मात्माको बेहिश्त [स्वर्गवास] इस प्रकार उचित इंसाफ कर देवेंगे" इसलिए अहो बन्धु गणों! पापका बदला दिए विना छूटना नहीं होगा, यह समझना। (५) “आइन अकबरी' किताबमें लिखा है कि अकबर वादशाह हर शुक्रवारसे लगाकर इतवार तक ग्रहणके दिन, तीन दिनके जशनके दिन और सब फरवरदी तथा आबान महीनेमें बिलकुल ही मांस आहार नहीं करते थे, गोस्त नहीं खाते थे । (६) तैसे ही अभी ४० दिनकी धर्मकिया पैगंबरके पुत्रके रक्षणार्थ ही उस स्थान दुम्बा रक्खा गया था। अब अल्लाताळाके पसंद करनेको ईद के दिन अपनी प्रिय वस्तुको नहीं देते हुए दुम्बा [ बकर ] का वध करते हैं यह कहांका न्याय है ?

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