Book Title: Praudh Apbhramsa Rachna Saurabh Part 1
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

Previous | Next

Page 10
________________ पाठ 1 स्थानवाची अव्यय (1) 1. तेत्थ तहि/तेत्तहे/तउ 2. एत्थु एत्थ/एत्तहे 3. केत्थु केत्तहे कहि 4. जेत्थु जहि/जेत्तहेजउ 5. सवेत्तहे 6. अण्णेत्तहे =वहाँ = यहाँ =कहाँ =जहाँ =सब स्थानों पर = दूसरे स्थान पर (2) 1. कहन्तिउ/कउ 2. केत्थ 3. कहि 4. एत्तहे ...."एत्तहे 5. तत्थहो 6. तहितिउ =कहाँ से -कहाँ से =कहाँ से =एक अोर".... दूसरी ओर =वहाँ से -वहाँ से 1. कहिं चि कहिं जि/कहिं वि 2. कत्थइ 3. कत्थ वि 4. कहि मि -कहीं पर, किसी जगह =कहीं पर =कहीं पर == कहीं पर 1. पासु/पासे 2. पासहो 3. पासेहि 4. दूरहो 5. दूर 6. पच्छए/पच्छले अणुपच्छए 7. पुरे/अग्गले/अग्गए 8. उपरि 9. हेट्ठि =पास, समीप =पास से, समीप से =पास में =दूर से, दूरवर्ती स्थान पर -दूर से =पीछे =आगे -ऊपर -नीचे प्रौढ अपभ्रंश रचना सौरभ ] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 202