Book Title: Patan Chaitya Paripati
Author(s): Kalyanvijay
Publisher: Hansvijayji Jain Free Library

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Page 72
________________ अनुक्रमे १००+२++६६+२४+६३+१२+३४+३+१४+ १४३६७ त्रणसो सडसठ इती. २० चाणसमा____ आ गाममा श्रीभट्टेवापार्श्वनाथनु मंदिर हतुं अने तेर्मा कुल ३४ चोत्रीश प्रतिमाओ हती. ११ कंबोई__ अत्रे पार्श्वनाथन देहरुं हतुं ज्यां गंभारामां ५ अने भमनीमां १६, सर्व मली २१ प्रतिमाओ हती. १२ मुंजपुर अहिं एक देहरु अने त्रण प्रतिमाओ हती. आ प्रमाणे परिवाडीकार पाटण अने तेनी नजीकना गामोनां देहराओनी हकीकत लखी छेवटे शंखेश्वर पार्श्वनाथना गुण वर्णवे छे. (ढाल २३ मी.) शंखेश्वर तीर्थमा केटली प्रतिमाओ छे. अने तेनी ऐतितिहासिक स्थिति केवी छे ते बाबतमा परिवाडीकार कंइ पण जणावता नथी. ___ शखेश्वरचं वर्णन करी छेवटे ग्रंथकार नीचे प्रमाणे पोतानी गुरुपरंपरानो उल्लेख करवापूर्वक पोतानी ओलखाण आपी प्रस्तुत चैत्यपरिवाडीनी समाप्ति करे छे. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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