Book Title: Patan Chaitya Paripati
Author(s): Kalyanvijay
Publisher: Hansvijayji Jain Free Library

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Page 133
________________ ७९ .८० 59 ८७ ९६ ९७ ९७ " ९८ १०१ 51 १०४ १०५ १०६ १०७ १०९ १११ १८ १ ३ १२ M ሪ ૨ १३ १५ १७ ३ १३ ११ 15 १२ १९४ बिब चद्रप्रभा चोंद विर जीनवरुए भसात विव - वदं शीतल बिंब पीतलमे माहे साहब सुआ चत्य -णनगुणा ससार -निधि - पाश्च जिनपति बिंब चंद्रप्रभ चौद वीर जिनवरु ए भेसात वि बंदू शीतळ बिंब पीतलमय मोहे साह वसुआचैत्य - - जनगणा संसार-निधि - पार्श्व - जिनपति ६ आ सिवाय मात्रा रेफ विगेरे खण्डित थवा संबंधी या ash जवा संबंधी अने केटलीक पदच्छेद संबंधी रही गयेली स्खलनाओ सुज्ञ पाठकोए सुधारी वांचं. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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