Book Title: Panchpratikramansutra tatha Navsmaran Author(s): Jain Sahitya Vikas Mandal Vileparle Mumbai Publisher: Jain Sahitya Vikas Mandal View full book textPage 8
________________ २३ सिद्ध-थुई [ 'सिद्धाणं बुद्धाणं' सूत्र ] २४ वेयावच्चगर-सुत्तं [ 'वेयावच्चगराणं' सूत्र ] २५ भगवदादिवन्दनसूत्रम् [ 'भगवान हं' सूत्र ] २६ पडिक्कमण-ठवणा-सुत्तं [ 'सव्वस्स वि' सूत्र ] २७ अइयारालोअण-सुत्तं [ अतिचार-आलोचना-सूत्र ] २८ अइयार-वियारण-गाहा [ अतिचार विचारनेके लिए गाथाएँ ] १०२ २६ सुगुरु-वंदण-सुत्तं [ सुगुरु-वन्दन-सूत्र ] ३० जीवहिंसा-आलोयणा [ 'सात लाख' सूत्र ] ११६ ३१ अट्ठारस पाव- ठाणाणि [ अठारह पापस्थानक ] ३२ सावग-पडिक्कमण-सुत्तं [ 'वंदित्तु' सूत्र ] ३३ गुरुखामणा-सुत्तं [ 'अब्भुट्टिओ' सूत्र ] ३४ आयरियाइ-खामणा-सुत्तं [ 'आयरिय-उवज्झाए' सूत्र ] १७३ ३५ सुअदेवया-थुई [ श्रुतदेवताकी स्तुति ] ३६ खित्तदेवया-थुई [ क्षेत्रदेवता-स्तुति ] ३७ श्रुतदेवता-स्तुतिः [ 'कमल-दल' स्तुति ] १७७ ३८ वर्धमान-स्तुतिः [ 'नमोऽस्तु वर्धमानाय' सूत्र] . ३६ प्राभातिक-स्तुतिः [ 'विशाल लोचन-दलं' सूत्र ] ४० साहुवंदण-सुत्तं [ 'अढाइज्जेसु' सूत्र ] १८४ ४१ सप्तति-शत-जिनवन्दनम् [ 'वरकनक' स्तुति ] ४२ शान्ति-स्तवः [ 'लघु-शान्ति' ] ४३ पासनाह-जिण-थुई [ 'चउक्कसाय'-सूत्र ] २०८ ४४ भरहेसर-सज्झाओ [ 'भरहेसर-बाहुबली'-सज्झाय ] २१० ४५ सड्ढ-निच्च-किच्च-सज्झाओ [ 'मन्नह जिणाणं'-सज्झाय ] २४२ ४६ सकल तीर्थ-वंदना [ 'सकल-तीर्थ-वन्दना' ] २४६ ४७ पोसह-सुत्तं [ 'पोसह लेनेका' सूत्र ] ४८ पोसह-पारण-सुत्तं [ 'पोसह पारनेका'-सूत्र ] २५४ ४६ संथारा-पोरिसी [ संस्तारक-पौरुषी ] २५७ ०. ० wwwr 9 our x x 2 9 or or or or or orwwwwwwwwr 9 9 9 0 ० २५० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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