Book Title: Nirtivad
Author(s): Darbarilal Satyabhakta
Publisher: Satya Sandesh Karyalay

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Page 24
________________ निरतिवाद २० ] तो उसकी पूंजी सरकार मे जप्त हो जायगी । व्याज या नफा लेने पर अपराधी समझा जायगा इससे सजा पायगा । ङ -- म्युन्सपल कमेटियों या डिस्ट्रिक्ट बोर्डों को ट्राम रेलवे, बस आदि खोलने का अधिकार होगा। च -- जहा तक हो सके बडे बडे कारखाने न खोले जॉयँ । कारखानो का रूप ऐसा हो जिन्हे एक कुटुम्ब आराम से चला सके । कपडे की एक मीलकी अपेक्षा अगर छोटे छोटे कर्वे घर घर मे हो या इस प्रकार की मशीने हो जो घर पर चलाई जा सकती हो और मनुष्य इच्छानुसार उस पर काम करे और काम के अनुसार पैसा पावे तो और अच्छा । घर द्वार छोडकर हजारो आदमियों का एक जगह काम करने से काम चाहे कुछ सस्ता या सुविधा जनक होता हो पर दूसरी दृष्टि से बडी हानि होती है । १ - बीच बीच मे विश्राम करता हुआ स्वतन्त्रता से काम करने वाला मनुष्य दस घटेसे भी अधिक काम आराम से कर सकता है । मील मे आठ घटा भी भारी मालूम होता है । २-मील मे स्वास्थ्य खराब हो जाता है । ३ --सदाचार नष्ट हो जाता है । ४ पराधीनता बढ़ जाती है । इत्यादि बहुत से ढोप बडे बडे कारखानो मे है । जिन कार्यो के लिये बडे कारखाने बनाना अनिवार्य है उनकी बात दूसरी है । वे रहे, पर जो चीजे ऐसे बडे कारखानो के बिना भी तैयार की जा सकती है उनके चिपय मे नीति विभक्ती - करण की रहे । ६ ज़मीन और मकान क - जमीन की मालिकी जहा तक हो सके समानरूप मे रक्खी जाय । आवश्यकता से अधिक जमीन कोई न रक्खे | जमीदारी प्रथा नष्ट कर दी जाय । जमीन को भाडे पर देना आदि सख्त मना रहे । ख - एक कुटुम्ब को उतनी ही जमीन मिले जितने मे वह अपने हाथ से खेती कर सके । अनाज काटने या देखरेख मे वह नौकरो या मजदूरो से सहायता ले सके पर खेती के कार्य मे वह स्वय सहयोगी रहे । ग-कटम्ब के एक एक व्यक्ति के पीछे कुछ जमीन नियत रहे [ उदाहरणार्थ पाच पाच एक ] जिससे अधिक जमीन कोई न रख सके । अगर कुटुम्बियो की संख्या घट जाय और उससे जमीन रखने की सीमा का उल्लघन होता हो तो सरकार वह जमीन दूसरो को जिनके पास सव से कम जमीन हो-भाडे से देदे । घ- सरकार जो जमीन किसी को भाडे पर देगी वह जमीन आवश्यकतानुसार कभी भी ले सकेगी । सरकारी आवश्यकता के दो रूप रहेगे । १ कोई सरकारी काम हो । २- किसी कम जमीन वाले को या वेजमीन को ज़मीन देना हो । जो जमीन सरकार बेच देगी उसका लगान तो देना पडेगा पर वह मौरूसी होगी । मकान मालिक उसे बेच तो सकेगा, पर तबतक सरकार वह जमीन ले न सकेगी जबतक उसके कुटुम्ब मे उतनी जमीन के खेती करने वाले रहे । सरकार जब लेगी तब उसका मूल्य चुका देगी । पर बारह वर्ष तक मूल मालिक को आवश्यकता सिद्ध करने पर सरकार से अपनी जमीन वापिस लेनेका हक होगा । ड- - बस्ती या म्युन्युसपल के भीतर कोई कुटुम्ब एक एकड से अधिक जमीन न रख सकेगा च-अपने उपयोग के लिये ही मकान रख सकेगा भाडे पर देने के लिये नही ।

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