Book Title: Nirtivad
Author(s): Darbarilal Satyabhakta
Publisher: Satya Sandesh Karyalay

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Page 25
________________ सरकारी मुलाजिम [२१ छ--भाडे पर देने के लिये मकान और मास-भक्षी भी आकर रह सकेगा । इससे शाकदूकान सरकारी या म्युन्युसिपल आदि की होगी। भोजियो को वडा कष्ट होग। छोटे गाव मे भी गाव की ओर से या सरकार की उत्तर-सरकारी मकानो मे जातिपॉतिका ओर से ऐसे मकान बनेगे जो भाडे पर दिये जा विचार तो न रहेगा पर मासभोजियो के लिये खास सकेगे। खास इमारते ही रहेगीं । शाक भोजियो के मकान प्रश्न-इससे प्रवासियो का कष्ट बढ जायगा। मे मांसभोजी न रह सकेगा। अगर किसी गाव मे सरकारी मकान न हो, अथवा ४ प्रश्न-जमीन और मकान जिस प्रकार होकर के भी भरा हुआ हो तो प्रवासी कहा ठहरे भाडे से न दिये जायेंगे उसी प्रकार क्या अन्य चीजो गाववाले भाडे के लोभ के बिना मकान क्यो देगे के भाडे पर देने की मनाई होगी? उदाहरणार्थ-मोटर उत्तर-मकान जब व्यापार के साधन न रह गाडी, साइकिल आदि भी भाडे से न दी जासकेगी। जॉयेंगे तब लोगो की भावना ही बदल जायगी । उत्तर-साइकिल मोटर आदि को भाडे पर आज भाडे के कारण मकानो का मूल्य दूसरे ढग देने की मनाई न होगी । जमीन और मकान का ही मालूम होता है । पर उस समय मकान जीवन की अनिवार्य आवश्यकताएँ है इनके ऊपर आवश्यक होने पर भी पानी की तरह पीने और मनुष्य का एकाधिपत्य हो जाना दूसरो को जन्म पिलाने की चीज रह जायेंगे । आतिथ्य की भावना बढ जायगी । यो तो आज भी प्रभासियो को सिद्ध अधिकार से वञ्चित करना है। साइकिल थोडा बहुत कष्ट सहना ही पड़ता है मो तब भी मोटर आदि मे नही । सहना पडेगा । छोटे गावो मे तो आज भी मकान प्रश्न-फिर भी पूँजी पैसा कमाने मे सहायक भाडे को लोग बहुत कम जानते है । नो हुई। . २ प्रश्न-होटलो का क्या होगा ? उत्तर--सो तो होगी ही। पर उसके साथ उत्तर-होटल तब भी रहेगे । पर इसके परिश्रम आदि भी लगेगा । ब्याज की तरह केवल लिये सरकारी मकान भाडे से मिलेगे । हा सिर्फ पूँजी पूँजी न वढाये यही आवश्यक है । परिश्रम भोजन कराने के लिये अपने मकान का उपयोग का सावन बने तो कोई हानि नही अथवा अनिकिया जा सकता है । पर यात्री को ठहराने और वार्य हानि है। ठहरने का भाडा लेना हो तो सरकारी मकानो मे ७ सरकारी मुलाज़िम ही हो सकेगा । यदि ऐसा न किया जायगा तो क-सरकारी काम पर नियुक्त होते समय लोग इसी बहाने पूँजी से व्याज या नफा पैदा प्रत्येक व्यक्ति को अपनी साम्पत्तिक अवस्था बता करने की कोशिश करेगे। देनी होगी। इसी प्रकार छोडते समय बतानी होगी। ३ प्रश्न-भाडे के लिये सरकारी मकान रहने ख-रिश्वत लेने की सख्त मनाई रहेगी। से एक बडी दिक्कत बढ़ जायगी । वह है पडौस साधारणतः रिश्वत देने वाला और रिश्वत लेनेवाला की । सरकारी मकानो मे जाति-पॉति का विचार दाना ही अपराधी समझ जावेगे। पर रिश्वत लेने तो रक्खा नहीं जा सकता । तब पडोस मे एक वाला तो निश्चित ही अपरावी रहेगा । हा, रिश्वत

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