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हा क्या है । इससे उत्तराधिकारित्व की जटि
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लताएँ कम हो जायगीं । और बहुत से लोग जाति सम्प्रदाय रीति रिवाज आदि के विषय मे न्यायालय मे कुछ का कुछ साबित करते है वह सब झगडा दूर हो जायगा । सम्प्रदाय और जातियो को जो अनुचित महत्त्व प्राप्त है वह भी नष्ट हो जायगा । हरएक सम्प्रदाय के दायभाग मे जो त्रुटियों, या व्यक्ति के प्रति अथवा नारी के प्रति अन्याय है, वह
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नष्ट हो जायगा ।
निरतिवाद
कोई कह सकता है कि हमको अपनी सम्पत्ति
किसी खास तरह
इसी तरह बाटना है । कानून बाटने के लिये जोर क्यो दे
पर इस के लिये कोई मनुष्य सम्पत्ति का 'बिल' अपनी इच्छा के अनुसार बना सकता है । वर्तमान सुभीता है। उत्तराधिकारित्व तो किसी एक कानून से ही दिया जाता है, चाहे हिन्दू कानून हो या मुसलिम कानून । जब कानून का सहारा अनिवार्य है तब इस विषय मे एक सब से अच्छा कानून क्यो न बनाया जाय ।
हमारे कानून मे तो ये सुभीते है और अमुक के कानून मे ं तो ये सुभीते नही है इस प्रकार की शकाऍ भी निर्मूल हैं क्योकि जो नया कानून बनेगा उसमे आज के सभी कानूनो की अच्छाइयॉ शामिल की जॉयगी । वह किसी एक धर्मशास्त्र के आधार पर न बनेगा बल्कि सभी धर्मो मे से अच्छी अच्छी बाते चुनी जॉयगी । साथ ही लोकहित का विचार किया जायगा ।
आज जो किसी को अत्यधिक सुविधाएँ हैं किसी को अत्यधिक असुविधाएँ, इन दोनो को हटाकर सबको समान सुविवाऍ मिले ऐसा प्रयत्न होना चाहिये ।
सन्देश नववा '
प्रत्येक विवाह सरकार मे रजिष्टर्ड हो । हा, उसके पहिले या पीछे विवाह की विधि इच्छानुसार की जा सकती है। कानून की वेब धाराऍ उठा देना चाहिये जो एक जाति का दूसरी जाति मे ( अनुलोम या प्रतिलोम ) एक सम्प्रदाय का दूसरे सम्प्रदाय मे वैवाहिक संबध होने मे बाबा डालती है । किसी भी तरह का विवाह हुआ हो सब मे गोद लेने का अधिकार रहे । विधवा को भी रहे ।
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भाष्य - - इस विषय मे कई 'सूचनाऍ आई है १ - - रजिष्टी कराने की आवश्यकता नही है । सरकार का जितना कम अकुश रहे उतना ही अच्छा । २ - रजिष्ट्री सरकार नही, काजी यो पुरोहित करे । ३ - रजिष्ट्री के बाद विधि करना विडम्बना है दो मे से एक कोई भी चीज रक्खी जाय । ४- गोद का रिवाज बिलकुल उठा दिया
जाय ।
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समाज शास्त्र मे एक कसौटी :- का निर्देश, आता है कि जो सरकार अधिक से अधिक सुव्यवस्था के साथ कम से कम अकुश रक्वे वही सरकार अच्छी है । इसलिये विवाह शादियो के यि मे सरकारी, अकुश खटकना स्वाभाविक है । पर सरकारी अकुश और सरकारी सेवाओ का भेद ध्यान मे रखना आवश्यक है । सरकार के कुछ काम तो नियन्त्रण सबधी है . और कुछ काम सहायता या सेवासबधी | शिक्षण देना असपताल खोलना, मर्दुमशुमारी करना आदि अकुश नही किन्तु सेवाएँ है । रजिष्ट्री का काम इसी श्रेणी का है । रजिष्ट्री करने का सिर्फ यही मत लब है कि समाज को याद रहे कि इन दो व्यक्तियो का विवाह हुआ हैं ।' समाज के हाथ मे यह काम