Book Title: Nirtivad
Author(s): Darbarilal Satyabhakta
Publisher: Satya Sandesh Karyalay

View full book text
Previous | Next

Page 46
________________ ४२ ] हा क्या है । इससे उत्तराधिकारित्व की जटि 1 लताएँ कम हो जायगीं । और बहुत से लोग जाति सम्प्रदाय रीति रिवाज आदि के विषय मे न्यायालय मे कुछ का कुछ साबित करते है वह सब झगडा दूर हो जायगा । सम्प्रदाय और जातियो को जो अनुचित महत्त्व प्राप्त है वह भी नष्ट हो जायगा । हरएक सम्प्रदाय के दायभाग मे जो त्रुटियों, या व्यक्ति के प्रति अथवा नारी के प्रति अन्याय है, वह , नष्ट हो जायगा । निरतिवाद कोई कह सकता है कि हमको अपनी सम्पत्ति किसी खास तरह इसी तरह बाटना है । कानून बाटने के लिये जोर क्यो दे पर इस के लिये कोई मनुष्य सम्पत्ति का 'बिल' अपनी इच्छा के अनुसार बना सकता है । वर्तमान सुभीता है। उत्तराधिकारित्व तो किसी एक कानून से ही दिया जाता है, चाहे हिन्दू कानून हो या मुसलिम कानून । जब कानून का सहारा अनिवार्य है तब इस विषय मे एक सब से अच्छा कानून क्यो न बनाया जाय । हमारे कानून मे तो ये सुभीते है और अमुक के कानून मे ं तो ये सुभीते नही है इस प्रकार की शकाऍ भी निर्मूल हैं क्योकि जो नया कानून बनेगा उसमे आज के सभी कानूनो की अच्छाइयॉ शामिल की जॉयगी । वह किसी एक धर्मशास्त्र के आधार पर न बनेगा बल्कि सभी धर्मो मे से अच्छी अच्छी बाते चुनी जॉयगी । साथ ही लोकहित का विचार किया जायगा । आज जो किसी को अत्यधिक सुविधाएँ हैं किसी को अत्यधिक असुविधाएँ, इन दोनो को हटाकर सबको समान सुविवाऍ मिले ऐसा प्रयत्न होना चाहिये । सन्देश नववा ' प्रत्येक विवाह सरकार मे रजिष्टर्ड हो । हा, उसके पहिले या पीछे विवाह की विधि इच्छानुसार की जा सकती है। कानून की वेब धाराऍ उठा देना चाहिये जो एक जाति का दूसरी जाति मे ( अनुलोम या प्रतिलोम ) एक सम्प्रदाय का दूसरे सम्प्रदाय मे वैवाहिक संबध होने मे बाबा डालती है । किसी भी तरह का विवाह हुआ हो सब मे गोद लेने का अधिकार रहे । विधवा को भी रहे । । भाष्य - - इस विषय मे कई 'सूचनाऍ आई है १ - - रजिष्टी कराने की आवश्यकता नही है । सरकार का जितना कम अकुश रहे उतना ही अच्छा । २ - रजिष्ट्री सरकार नही, काजी यो पुरोहित करे । ३ - रजिष्ट्री के बाद विधि करना विडम्बना है दो मे से एक कोई भी चीज रक्खी जाय । ४- गोद का रिवाज बिलकुल उठा दिया जाय । I समाज शास्त्र मे एक कसौटी :- का निर्देश, आता है कि जो सरकार अधिक से अधिक सुव्यवस्था के साथ कम से कम अकुश रक्वे वही सरकार अच्छी है । इसलिये विवाह शादियो के यि मे सरकारी, अकुश खटकना स्वाभाविक है । पर सरकारी अकुश और सरकारी सेवाओ का भेद ध्यान मे रखना आवश्यक है । सरकार के कुछ काम तो नियन्त्रण सबधी है . और कुछ काम सहायता या सेवासबधी | शिक्षण देना असपताल खोलना, मर्दुमशुमारी करना आदि अकुश नही किन्तु सेवाएँ है । रजिष्ट्री का काम इसी श्रेणी का है । रजिष्ट्री करने का सिर्फ यही मत लब है कि समाज को याद रहे कि इन दो व्यक्तियो का विवाह हुआ हैं ।' समाज के हाथ मे यह काम

Loading...

Page Navigation
1 ... 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66