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निर्णय-प्रवचन
भावार्ष:-है गोतम ! चोटियां, मकोड़े, कुपूर्व, आदि छाटे-छोट प्राणी और गाय, भैंस, हाथी, बकरा आदि बड़े-बड़े प्राणी आदि सभी को अपने बात्मा के समान जो समझता है और महान लोक को चराचर जीव के जन्म-मरण से अशाश्वत देख कर जो बुद्धिमान् मनुष्य संयम में रत रहता है वही मोक्ष में पहुंचने का अधिकारी है।
॥इति चतुर्दशोऽध्यायः ॥