Book Title: Nemirangratnakar Chand
Author(s): Shivlal Jesalpura
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 55
________________ 42 छप्पामा पहेली बे कडी-चार लीटी रोळानी अने छेल्ली बे लीटी उल्लाळा छन्दनी होय छे. रोळानी पंक्तिमां कुल 24 मात्रा अने 11 मी मात्रा पछी यति आवे छे. उल्लाळानी पंक्तिमा कुल 28 मात्रा अने १४मी मात्रा पछी यति आवे छे. 4. हरिगीत-बीजा अधिकारनी कडी 150 थी 159 हरिगीत (हरिगीतिका) छन्दनी छे. एमां दरेक पंक्तिमा 28 मात्रा आवे छे अने छेल्लो अक्षर गुरु होय छे. 5. आर्या-पहेला अधिकारनी ५५मी कडी अने बीजा अधिकारनी 148 मी कडी आर्यानी छे. एमां पहेली लीटीमा 30 अने बीजी लीटीमा 27 मात्रा होय छे. दरेक लीटीमां 12 मात्रा पछी यति आवे छे. 6. चरणाकुळ-काव्यमा सौथी वधारे उपयोग आ छन्दनो थयो छे. नीचेनी कडीओमां ए प्रयोजोयो छे. पहेला अधिकारनी कडी 1, 2, 3, 6, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 23, 26, 37, 38, 45, 51, 54, 55, 56, 58, 59, 60, 63, 66, 69, 72, 73, 74, 75, 76, 77, 80, 81, 82, 85 बीजा अधिकारनी कडी 71, 72, 75, 76, 77, 80, 81, 82, 83, 84, 85, 87, 91, 93, 94, 121, 122, 123, 126, 127, 129, 130, 131, 132, 133, 134, 135, 138, 141, 142, 143, 144, 145 चरणाकुळमा दरेक चरणमां सोळ मात्रा अने छेल्ला बे अक्षर गुरु आवे छे. उपरांत 1, 5, 9 अने 13 मात्रा उपर ताल आवे छे. 7. पद्मावती-आमां दरेक पंक्तिमा 32 मात्रा तेमज 10, 8 अने 14 मात्रा पछी यति आवे छे. छेल्लो अक्षर गुरु तेमज त्रीजी मात्राए अने पछी दर चार चार मात्राए ताल आवे छे. प्रथम बे यतिखंडो वच्चे प्रास योजवामां आवे छे.' 5. दश आठे खासा, धरि अनुप्रासा, उपर कळा चौदे आवे, पद्मावति नामे, छंद सुकामे, गुणवंता कविजन गावे; लीलावति जेवा, ताळ ज लेवा, कोमळ पद रचशे कविता, उसळो जश जामे सघळे ठामे, ते शोमे जेवो सविता. 'दलपत पिंगळ' पृ. 21

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