Book Title: Nemirangratnakar Chand
Author(s): Shivlal Jesalpura
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 73
________________ तई वाणी दीधी पुहविप्रसिधी, किधी सु-परि अपार; भवसागर तरिवा, पातक हरिवा, करिया कवित उदार. 7 इम बोलइ कवियण, सुणिज्यो भवियण, मुझ मनि अति आणंद; नितु नव नव युगतिइं गाइसु विगतिइं, भगतिइं नेमि जिणंद. 8 जु तूठी सरसति मन सुधिई, कहिसिउं कवित तु चोषी बुधिइं; गाइसु गुण नेमीसर केरा, पोषिसु भावई भाव भलेरा. 9 कवित कवित कही सहूअ वषाणइ, कवित तणा पुण भाव न जाणइ; सोइ कवित जिणि दुसमन दूमइ, कोविदजनमनि लागउं घूमइ. 10 देषी चंद चकोरा हरषइ, वस्तु विशेषई पारषि परषइं, करिउं कवित जउ चतुर न चाहइ, सोइ कवित कहीइ स्या माहिइं ? 11 करिसु कवित ते रूडां होइसिई, रसि लीणा कोविदजन जोइसिइं; हिव अलवइसिउं आलस छांडउं, नेमि तणा गुण गावा मांडउं. 12 इक वीनतडी धरज्यो हीईइ, ते ए कवित मांहिं नहीं कहीइ, जनम हुउ सोरीपुर सारे, पुण पहुता द्वारिका मझारे. 13 कंसप्राण जब जो हरि हरिया, जरासिंधुभयि यादव डरिया, वेगिइं गया रयणायरि नासी, लहीय लाग द्वारिका निवासी. 14 7. A दिधी. B पहुवि. C पातग. 8. C कविअण. B सुणियो. C भविअण मझ. A मुनि. B नित. B युगतइ, C युगति. ___A गायुसु, C गायसु. B विगतइ, C विगति. B भगतइ, C भगति. 9. B सुधइ, C शुधि. BC कहिसु. A कवित हु. B नेमीस्वर. B पोषिस. A भाविई. 10. A सहू A कवितणा गुणभाव. AB जिण. A दूसमन. B कोविदजनमन, A कोविद जणमनि. AB लागू, 11. C हरषिई. AC विशेषिइं. B परिष, C पारिष B परिषइ. B करूं. BC जु. A चाहिइं. B कही स्या गाहिं, C कहोइ स्या माहि. 12. B रूयबूं, C डउ. BC होसिइ. जोसिइं. A अलविइं, C अलवि. A सू, B स्यू. . AB ठंडूं. B मंडूं. 13. B एक. A धरयो, B धरियो. A हइइ, C होइ. A ते कवित. AC माहि. A जन्म. A हऊ, B हवु. B सूरीपुर. A 'हूंता, . C पुहता. C मझारि. 14. कंसप्राणि. B जे. B हरयां C हरिआ. AC भय. B डरया, C डरिआ. BC वेगि. ., A रयणायर. AC लही.

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