Book Title: Nemirangratnakar Chand
Author(s): Shivlal Jesalpura
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 91
________________ 7 षिणि पाटई षिणि वाटइ लोटइं, षिणि ऊबरि षिणि ऊभी ओटइ; षिणि भीतरि षिणि वली आंगणइए, प्रीय विण सूनी वलीआं गणइए. 85 करुण सरिई थानकि को रडए, जण जाणइ नारी को रडइए; जाणि ऊजाई पइठी उरडइए, प्रियविरहि राजलि उ रडइए. 86 षिणि पीजइ षिणि सूइ षोलइ, षिणि धूदइ सहीयरनइ टोलइ; क्षणि ऊठी जाइ ऊतारइं, हार दोर कंकण ऊतारइ. 87 ऊतारइ हार कि सवि सिणगार कि, सरला हार कि भार करइः तप तपतां हीर कि चीरयां चीर कि, सकल शरीरि कि सोह हरइ. 88 मणिमाणिक दूर कि कीधां चूर कि, नाख्यां दूर कि दूरि रही; कंकण फोडंति कि जड रोडंति कि तनु मोडंति कि मोहि ग्रही. 89 वालिंभवाट जोइ आंषडीए, रहइ राजलि षडकीई खडी ए; रमण-रूप आलेषइ षडीए, पूजइ फूल तणी पांषडीए. 90 रोतां अंजन ग्यां ऊषडी ए, प्रीय पाषइ भागी भूषडी ए; धरि उधन माता कूषडीए, मिल्या पाषइ मेल्ही सूषडी ए. 91 राजलि इम आणइ आषडी ए, मुखि नवि बोलइ बहुभाषडी ए; जे सिर वरि सोवन-राषडी ए, झालइ सोइ करी राषडी ए. 92 पापीअडउ बापीअडउ प्रिअड्ड संभारइ, सो वासइ निअडउ मधुर सरइ; की गाइ वली संभारइ मेहनइ मोरा, प्रिय विण प्राण हरइ गाढेरा. 93 न गमइ अंगि रतूकल फाली, राजलि नेमिविरहिं विकराली; अलगी नांषइ सोवनत्रोटी, जिम जवरोटी कागई बोटी. 94 85. B मां आ कडी नथी. C प्रीआ A गणइये. 86. A कुर सरिइ. B नारी को रडए. A पइठी रडए. B जाण्यू जई परठी उरडए प्रीय _ विहरई राजलि उ रडए. C रडए. . 87. B क्षणि; सूइ क्षिणि बोलइ. C सूइ षिणि षोलइ. B क्षणि. 88. A उतारइ तार. AB सिणिगार. C सरीर. 89. BC लाघ्यो दूर. BC फोडत; त्रोत. A मोहति. 90. BC वालभ A वाटि; अंषडीए. A रहि. B षडकीयइ. 91, A अंजनि गियां. C प्रिअ. B धरीयु; मेहली. 92. A सिरिवर सोविन; B सिरि वरि सोवन. A जाली सोहइ; B जाली सोइ. 93. A प्रोप्रोअडु बापीउडु संभारइ; B पापोयडुबापीयडो प्रीयडु संभारइ. AB नियड्डु. A मधुर सरि. B की गाइ गाइ मोरा. C की गाई की गाइ मोरा; हरइ गामोरा. 94. B राजल नेमविरह. A लहकइ नांषइ सोविनत्रोटी. A वागि, B काग्इि.

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