Book Title: Nemirangratnakar Chand
Author(s): Shivlal Jesalpura
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 78
________________ कृष्णागर कस्तूरी चूरी, केसर सार कपूरइं पूरी, चंपक चंदन वासई वासी, षडोषलीई नीर निवासी. 51 नानावासी नीर अबीर बहुलपणि बहिकइ अवनि मझारि, अभिनव अंतेउर सरसिउ देउर झीलइ देव मुरारि. 52 इम कूड कमाइ गिउ ऊजाइ, सनकारी सवि नारी, तव लछमछ गोपी लज्जा लोपी कुतिग करइ अपारि. 53 गुल गलीउ नइ साकर भेली, इणि परि अतिघणउ ठांमेली; नेमि प्रतिइं जंपइ अंतेउर, " झीलइ देव अनइ अम्ह देउर. 54 सामी, तुम्हचु वाधइ वानु, बोल प्रमाण करु जउ मानउ, एक नारि परणेवउं मानउ, नहींतरि सम देस्यूं जावानु." 55 रंगई राही राषइ साही, रूपिणि पाय पडइ ऊमाही; आलि करइ अति राणी राउली, कमलनाल भरी छांटइ चंद्राउली. 56 ताल न चूकइ सघली साथइ, पाडइ ताली हसती हाथइ, हावभाव नव नव परि करए, अमीय समी वाणी मुषि झरएं. 57 ठाकुर बोल कहइ वरवानु : " नेमि, न कीजइ नीठर वानु। ठाम नही हीवइ बल करवानु, आ अवसर कन्या वरवानु". 58 "तुनि जाणउ झाझी जेठाणी, अम्ह घरि नारि हुसिइ देराणी; पाय पडतां अति दुष आवइ, किसिउं तेणि परिणवु न भावइ. 59 कइ जाणउ परणतां सुहेली, निरवहितां पणि खरी दुहेली; नारी बिरुद अछइ ए आगइ, जं जं मनि भावइ तं मागइ. 60 51. BC केसर कपूरक पूरई पूरी. A वासिई', B वासिं. 52. AB ननवासी, C न तु वासी. A नीरइ. A बुहलपुण, C बहुलपुण. A सरिसू, B सरस्यं. 53. A जिउ, B गयु. A नारि. A अपार. 54. A गुलिउ. C जई साकर A ठामेली. B इण. BC प्रतई. B देवर 55. AC सामी तु तम्ह वाधइ. B करूं. AB जु मानु. AB परणेवू मानु. AC का तुम्ह सम देसि जावानु, 56. AB रंगिईं; रूपणि. B कमल भरी. 57. AC साथिई. A हाथिई, C हाथि. A नब नव करइए. B अमी समाणी. A अरइए. 58. AB बोल कहु ठरवानु. C हिव; करिवानु. 59. BC तुम्हे. AB जाणु. A हुाँस. A किसि, B किंस्यू. B परणेवू , C परणq. 60. B जाणु; परणेता: सोहेली; B पुणि, C पुण. BC दोहेली. A बिरद.

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